‘खून भरी मांग’ किसी हीरो को नहीं चाहिए थी, फिल्म रिलीज के बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया

by Carbonmedia
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बॉलीवुड की एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा भले ही बड़े पर्दे से दूर हो, लेकिन अपनी खूबसूरती और दिलकश अवतार के जरिए चर्चा में बनी रहती हैं.  रेखा ने अपने करियर में एक के बाद एक हिट फिल्में दी हैं. इनमें से कुछ तो आज भी फैंस की फेवरेट हैं. ऐसे में आज हम आपके लिए एक्ट्रेस की उस फिल्म का दिलचस्प किस्सा लाए हैं. जिसने रिलीज के साथ ही इतिहास रच दिया था. ये फिल्म थी ‘खून भरी मांग’.
‘खून भरी मांग’ ने रचा था इतिहास
रेखा की फिल्म ‘खून भरी मांग’ साल 1988 में रिलीज हुई थी. फिल्म में एक्ट्रेस के साथ कबीर बेदी नजर आए थे. दोनों की जोड़ी ने बड़े पर्दे पर धमाल मचा दिया था. फिल्म का बजट सिर्फ डेढ़ करोड़ था. फिर जब ये रिलीज हुई तो इसे दर्शकों का ऐसा प्यार मिला कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 6 करोड़ का कलेक्शन किया था. इसके अलावा रेखा को फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था.

 

 
 

 
 

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फिल्म के लिए कैसे तैयार हुए थे कबीर बेदी?
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोई भी बड़ा हीरो रेखा के साथ ये फिल्म करने को तैयार नहीं था. कईयों के रिजेक्ट करने के बाद फिल्म कबीर बेदी की झोली में गिरी थी. इसको लेकर कबीर बेदी सिद्धार्थ कनन से खुलकर बात की थी. उन्होंने बताया था कि, एक दिन मुझे कॉल आता है – “हेलो कबीर, राकेश रोशन यानी गुड्डू बोल रहा हूं. मैंने कहा, “क्यों याद किया, तो वो बोले मैं एक पिक्चर बना रहा हूं और चाहता हूं कि तुम मेरे हीरो बनो. मैंने कहा, “फैंटास्टिक! लेकिन मुझे क्यों चुना? बॉम्बे में कोई और एक्टर नहीं मिला क्या?”
रेखा का नाम सुनकर राजी हुए थे एक्टर
कबीर बेदी ने कहा कि, ‘मेरी ये बात सुनकर राकेश रोशन बोले समस्या ये है कि मेरी पिक्चर में हीरो विलेन बन जाता है. तो कोई हीरो करना ही नहीं चाहता और अगर मैं पहले से विलेन को कास्ट कर दूं, तो उसमें कोई सरप्राइज़ नहीं बचेगा. तुम ही हो जो हीरो और विलेन दोनों निभा सकते हो.” फिर कबीर ने मैंने पूछा, “हीरोइन कौन है?” उसने कहा, रेखा. मैंने तुरंत जवाब दिया – “मैं आ रहा हूं! मैं आ रहा हूं!”

‘रेखा के साथ काम करना सम्मान था’
रेखा के बारे में बात करते हुए कबीर ने कहा था कि, ‘क्योंकि रेखा के साथ काम करना अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान था. उस वक्त उन्होंने उमराव जान के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था. वो एक कमाल की अदाकारा थीं. हालांकि तब मैं एक सीरीज कर रहा था. लेकिन मैंने अपने शूटिंग शेड्यूल को मैनेज किया और यहां आकर खून भरी मांग की शूटिंग की. वाकई बहुत दिलचस्प कहानी थी और राकेश रोशन ने पूरे दिल से डायरेक्ट किया.’
रेखा फिल्म की आत्मा थीं – कबीर
कबीर ने आगे ये भी कहा कि, ‘रेखा ने उस फिल्म को बनाया था. वो उस फिल्म की आत्मा थीं.कहानी रेखा के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती थी और मैं फिल्म में हीरो भी था, विलेन भी. इस फिल्म ने लोगों पर बहुत गहरा असर छोड़ा. आज भी लोग मुझसे मिलते हैं और कहते हैं, “मैंने खून भरी मांग 25 बार देखी है.”
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