हिसार के नारनौंद उपमंडल के गांव कोथ कलां में दादा काला पीर मठ के पूर्व महंत शुक्राई नाथ गद्दी छोड़ने के बाद अपने पेज पर लाइव हुए। शुक्राई नाथ ने कुछ लोगों पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया और ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार व प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की। शुक्राई नाथ ने कहा कि कुछ चतुर किस्म के नशेड़ी लोग उन्हें बदनाम करने में लगे हुए है। कमरे से लिपस्टिक मिलने की बात कर रहे हैं। सिगरेट पीने तक के आरोप लगाए जा रहे है। गेहूं नहीं होने व आटा खत्म होने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह सब झूठ है और उन्हें एक षड़यंत्र के तहत झूठी व फर्जी बाते करके बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। कमरे में लिपस्टिक होने की बात झूठ
शुक्राई नाथ ने कहा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि महंत के कमरे में लिपस्टिक रखी हुई है, जबकि श्रृंगार का सामान माता बिमला मंदिर में श्रद्धालु चढ़ाते हैं और उसके कट्टे भरे हुए रखे है। उन्हीं में से कुछ सामान कर्मचारियों के कमरों में रखकर उसे महंत का कमरा बता रहे है, जो बिल्कुल झूठ है। गुफा में शेर रहता है, गीदड़ नहीं
शुक्राई नाथ ने कहा कि कुछ नशेड़ी किस्म के लोग उनके कमरे को कमरा नहीं, बल्कि गुफा बोल हे हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि गुफा में शेर रहता है, गीदड़ नहीं। उन पर आरोप लगा रहे हैं कि बाबा आलीशान जिंदगी जीता है तो उन लोगों को ये सस्ती चीजें रखकर बदनाम नहीं करना चाहिए। रखना ही है तो कुछ महंगी चीजें तो रखते। सिगरेट पीने वाली बात बिल्कुल झूठ
शुक्राई नाथ ने कहा कि लोगों ने आरोप लगाया कि महंत के कक्ष में सिगरेट मिली है और महंत के होंठ हमेशा लाल रहते हैं। उन लोगों को पता होना चाहिए कि अगर वह सिगरेट पीते तो उनके होंठ लाल नहीं होते, क्योंकि सिगरेट पीने वालों के होंठ काले पड़ जाते हैं। डीएनए टेस्ट करवाने के लिए तैयार
शुक्राई नाथ ने कहा कि अगर उनके कक्ष से सिगरेट मिली हैं तो उसके पीछे का स्लाइवा उन्हीं लोगों के पास है। उस स्लाइवा पर फिंगर प्रिंट भी होंगे और जिसने होंठ से लगाई है तो मुंह की लार भी लगी होगी। वह डीएनए टेस्ट करवाने के लिए तैयार है। जहां उन्हें कहेंगे, वह आ जाएंगे और डीएनए टेस्ट करवाएंगे। वह खुद भी डीएनए टेस्ट करवाकर रिपोर्ट को सार्वजनिक करेंगे। खून खराबा रोकने के लिए छोड़ी गद्दी
शुक्राई नाथ ने कहा कि कोथ कलां में दादा पीर वाली गद्दी को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि यहां खून खराबा न हो जाए। कुछ असामाजिक तत्वों व उनके समर्थकों के बीच तनाव बढ़ रहा था, जिसके कारण उनके पास दो ही विकल्प थे। इनमें एक खून खराबा था और दूसरा गद्दी छोड़ना तो उन्होंने गद्दी छोड़ना ही सही समझा। पीर व संतों की मौजूदगी में छोड़ी गद्दी
शुक्राई नाथ ने कहा कि मीटिंग से 3 दिन पहले ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था, लेकिन उसे स्वीकार 3 दिन बाद किया है। रोहतक के बाबा मस्तनाथ मठ में हुई मीटिंग के दौरान मौजूद पीर, मानधारी, नाथ संप्रदाय के महंतों के बीच अपनी बात को रखा था, जिसके बाद गद्दी छोड़ दी। मठ की जमीन से छुड़वाए अवैध कब्जे
शुक्राई नाथ ने कहा कि कुछ लोगों ने मठ की जमीन पर अवैध कब्जे कर रखे थे, जिन्हें छुड़वाने का काम किया गया। लेकिन इसी बात से रंजिश रखने वाले कुछ नशेड़ी किस्म के लोग उन्हें बदनाम कर रहे है। माहौल खून खराबे जैसा बनता जा रहा था। उन्होंने अपने समर्थकों को शांत करवाया ताकि समाज में शांति बनी रहे, इसलिए गद्दी को ही छोड़ दिया। डीवीआर व पुस्तक लेकर ही मठ से आए
शुक्राई नाथ ने कहा कि गद्दी छोड़ने के 3 दिन तक मठ में रहा, तब तक उन लोगों की मठ में आने की हिम्मत नहीं हुई। वह अपनी पुस्तक व एक से डेढ माह की डीवीआर लेकर आए है, उसके अलावा कुछ नहीं लिया। जो लोग कहते हैं कि खिड़की से निकलकर गए हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि क्या उनकी गाड़ी भी खिड़की से निकल गई। शुक्राई नाथ ने कहा कि मठ के मुख्य गेट पर सीसीटीवी लगे है, उनकी डीवीआर भी उनके पास है, समाज के सामने दिखानी चाहिए। वह अपने सेवकों को फोन करके मठ से सुबह 4 बजे निकले हैं, इसलिए लोगों को गुमराह करना बंद कर दें। उनकी नशा मुक्ति को लेकर जो मुहिम चली हुई है, वह आगे भी जारी रहेगी।
गद्दी छोड़ने के बाद पेज पर लाइव हुए शुक्राई नाथ:नारनौंद में कोथ कलां मठ में रहे पूर्व महंत, बदनाम करने का लगाया आरोप
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