MP Crime News: मध्य प्रदेश स्थित पांढुरना थाना क्षेत्र के ग्राम लांघा में साल 2022 में हुए एक दिल दहला देने वाले हत्याकांड का अंत अब न्यायिक निर्णय के साथ हुआ है. स्थानीय अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी महिला मीराबाई पराडकर को अपने ही पति की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया था, जब यह सामने आया कि महिला ने अपने पति घनश्याम पराडकर की हत्या कर शव को खुद के ही घर में खाट के नीचे जमीन में दफना दिया था.
हत्या के बाद घर में छिपाया पति का शव
9 अक्टूबर 2022 को इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला ने अपने पति की हत्या कर शव घर में ही छिपा दिया है. तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश बघेल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जब लांघा गांव स्थित घर में तलाशी ली तो खाट के नीचे खुदाई के दौरान जमीन से घनश्याम पराडकर का शव बरामद हुआ.
इसके बाद शव को निकालकर पंचनामा तैयार किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घटनास्थल से मिले अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी मीराबाई पराडकर के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया था.
ये थी हत्या की वजह
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि मृतक घनश्याम शराब का आदी था और नशे की लत के चलते वह घर का सामान बेचने लगा था. आए दिन के झगड़ों और तनाव से तंग आकर एक दिन मीराबाई ने गमछे से उसका गला घोंट दिया और मुंह दबाकर उसकी जान ले ली. हत्या के बाद उसने शव को घर में ही दफना दिया ताकि कोई सच्चाई तक न पहुंच सके.
इस जघन्य अपराध की गंभीरता को देखते हुए इसे ‘सनसनीखेज’ की श्रेणी में रखा गया और छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक एवं पांढुरना पुलिस की निगरानी में मामले की विवेचना की गई.
प्रभावी पैरवी के दौरान लोक अभियोजक प्रकाश बावने ने अदालत में सभी साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर न्यायालय ने 29 मई को फैसला सुनाया. अदालत ने मीराबाई पराडकर को हत्या के लिए आजीवन कारावास और ₹2000 जुर्माने की सजा दी है, वहीं सबूत मिटाने के लिए 5 साल के सश्रम कारावास और ₹1000 जुर्माना भी लगाया गया.
सचिन पांडेय की रिपोर्ट.