गुरुग्राम के एक व्यक्ति ने देशभर में चल रहे ‘गरीब रथ’ ट्रेनों का नाम बदलकर ‘सम्मान रथ’ करने की मांग उठाई है। जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी (उत्तरी रेलवे) के सदस्य और पूर्व डीआरयूसीसी (दिल्ली व अंबाला डिवीजन) सदस्य दीपक भारद्वाज ने इस संबंध में दिल्ली रेल मुख्यालय में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही उन्होंने रेल मंत्री को एक चिट्ठी भेजकर इस मुद्दे को उठाया है और सम्मानजनक नामकरण की अपील की है। दीपक भारद्वाज का कहना है कि ‘गरीब रथ’ नाम मध्यम वर्ग और उससे नीचे के वर्ग के लोगों के सम्मान को ठेस पहुंचाता है। उनकी 26 जून 2025 को लिखी गई चिट्ठी 30 जून 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्राप्त हुई। जिसमें उन्होंने बताया कि यह नाम, हालांकि अच्छे इरादों से शुरू किया गया, लेकिन यह सामाजिक रूप से अपमानजनक है। गरीब लोग देश की प्रगति की रीढ़ उन्होंने कहा कि मेहनतकश मध्यम वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग के लोग, जिसमें किसान, शिक्षक, पेशेवर, कामकाजी महिलाएं और छात्र शामिल हैं, ये सभी देश की प्रगति की रीढ़ हैं। इन्हें सम्मान और मान्यता मिलनी चाहिए, न कि ऐसा नाम जो उन्हें अपमानित करें। सम्मान रथ रखने का सुझाव दिया उन्होंने रेलवे के सामने प्रस्ताव रखा कि इन ट्रेनों का नाम ‘सम्मान रथ’ रखा जाए, जिससे यात्रियों का आत्म-सम्मान और गरिमा बनी रहेगी। इसमें मध्यम वर्ग की भावना के प्रति सामाजिक समावेशिता और सम्मान दिखेगा और सरकार की हर वर्ग को सम्मान और गर्व के साथ ऊंचा उठाने की प्रतिबद्धता का सकारात्मक संदेश जाएगा। यात्रियों को ‘गरीब’ लेबल नहीं दिया जाए उन्होंने कहा कि यह नाम परिवर्तन केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि समाज में हर नागरिक को समान गरिमा देने की दिशा में एक कदम होगा। अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि भारत एक गरीब राष्ट्र नहीं है और किसी भी नागरिक को आवश्यक सेवाओं का उपयोग करते समय ‘गरीब’ लेबल नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस पर विचार करने और उचित कार्रवाई करने की अपील की है।
गरीब रथ का नाम सम्मान रथ रखने की मांग:गुरुग्राम के रेलकर्मी का तर्क-यात्रियों पर गरीब लेबल, सम्मान को ठेस पहुंचती है
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