गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीयर पीते दिखे वकील, अवमानना की कार्रवाई शुरू

by Carbonmedia
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Gujarat High Court News: गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को सीनियर एडवोकेट भास्कर तन्ना के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की है. मामला भी अजीब है. दरअसल, कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील भास्कर तन्ना कथित तौर पर बीयर पीते दिखे थे. 
ऐसे में जस्टिस एएस सुपेहिया और आरटी वच्छानी की बेंच ने भास्कर तन्ना के इस व्यवहार को ‘अपमानजनक’ करार दिया. जस्टिस ने वकील को वर्चुअल मोड में उनके सामने पेश होने से रोक दिया.
हाई कोर्ट ने कहा कि यह आदेश चीफ जस्टिस के सामने रखा जाएगा. अगर अनुमति दी जाती है, तो इसे अन्य बेंच के सामने भी सर्कुलेट किया जाएगा.
चीफ जस्टिस को मामले से कराया जाएगा अवगतबार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ऑर्डर में कहा गया है, “अगले आदेश पारित होने तक, हम भास्कर तन्ना को इस बेंच के सामने वर्चुअल मोड में पेश होने पर रोक लगाते हैं. रजिस्ट्री चीफ जस्टिस को वर्तमान आदेश से अवगत कराएगी. अगर चीफ जस्टिस अनुमति देते हैं, तो वर्तमान आदेश को अन्य संबंधित पीठों के प्रधान निजी सचिवों और निजी सचिवों को प्रसारित किया जाएगा.” 
ऐसी हरकत नजरअंदाज नहीं कर सकता कोर्टकोर्ट ने भास्कर तन्ना को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है और कहा है कि उनके ‘सीनियर एडवोकेट’ पद पर भी फिर से विचार किया जाएगा. कोर्ट ने कहा, “भास्कर तन्ना की इस तरह की अभद्र हरकत के बहुत व्यापक परिणाम हैं. अगर कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली ऐसी हरकत को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो यह कानून के लिए विनाशकारी होगा.”
युवा वकीलों को जाता है गलत संदेशदरअसल, एक वीडियो में भास्कर तन्ना को 26 जून को जस्टिस संदीप भट्ट के समक्ष मग से बीयर पीते हुए देखा गया था. डिवीजन बेंच ने आज कहा कि भास्कर तन्ना के कथित कृत्य से बार के युवा सदस्य प्रभावित होते हैं, जो वरिष्ठ वकीलों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं.
कोर्ट ने कहा कि भास्कर तन्ना का यह व्यवहार कोर्ट द्वारा उन्हें दिए गए ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ के पद का अपमान करता है. ऐसे में उन्हें दिए गए इस पद के बारे में पुनर्विचार किया जाएगा. इसलिए कोर्ट की रजिस्ट्री को वकील के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है. 
वीडियो को सुरक्षित रखने के आदेशकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले में रिपोर्ट तैयार करे अगली सुनवाई पर पेश की जाए. साथ ही, एडवोकेट के अपमानजनक व्यवहार का वीडियो क्लिप भी सुरक्षित रखा जाए. एडवोकेट भास्कर तन्ना को नोटिस जारी किया जाएगा और दो हफ्ते बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

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