गुजरात: AAP से इस्तीफे देने वाले विधायक उमेश मकवाना अब क्या करेंगे? खुद साफ किया रुख

by Carbonmedia
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AAP MLA Umesh Makwana Resigned: गुजरात में AAP के विधायक उमेश मकवाना के पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे के बाद सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं. विधायक पद छोड़ने और आगे की रणनीति को लेकर उन्होंने खुद प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मैं बोटाद में अपने लोगों से सलाह लेने के बाद विधायक पद छोड़ने का फैसला लूंगा.
उमेश मकवाना ने कहा, ”मैंने आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए आने वाले दिनों में सभी ओबीसी नेताओं की एक बैठक भी बुलाई है. उस बैठक के बाद मैं अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बताऊंगा.”
‘चुनाव होते ही OBC नेताओं को दरकिनार कर दिया जाता’
AAP विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा, ”पार्टियां चाहे कोई भी हों, ओबीसी नेताओं को सिर्फ चुनाव के दौरान ही महत्व दिया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है. चाहे गुजरात की राजनीति हो या राष्ट्रीय राजनीति, अगर पार्टी डॉ. बीआर आंबेडकर के दिखाए रास्ते पर नहीं चल सकती तो दफ्तरों में उनकी तस्वीर लगाने का कोई मतलब नहीं है और इसलिए मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.”
उमेश मकवाना का बीजेपी और कांग्रेस पर भी हमला
उन्होंने ये भी दावा किया, ‘कोली समेत ओबीसी की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है, लेकिन, करीब 30 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी ने कभी किसी ओबीसी को गुजरात का मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाया. कांग्रेस भी कोली और अन्य पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दे उठाने में विफल रही है.”
AAP ने उमेश मकवाना को किया निलंबित
आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने विधायक उमेश मकवाना को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए गुरुवार (26 जून) को दल से निलंबित कर दिया. इससे कुछ ही घंटे पहले उन्होंने विधायक पद को छोड़कर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने दावा किया था कि ‘आप’ पिछड़े वर्गों के मुद्दे उठाने में नाकाम रही है. विधायक का यह कदम राज्य में उपचुनाव में ‘आप’ द्वारा विसावदर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के महज तीन दिन बाद आया है.
प्रदेश की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए वर्ष 2022 में हुए चुनाव में मकवाना समेत आप के 5 विधायकों ने जीत दर्ज की थी. साल 2022 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के भूपेंद्र भयानी विसावदर से विजयी हुए, लेकिन दिसंबर 2023 में भयानी के इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इसके बाद यहां उपचुनाव कराया गया. 
हालांकि, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित मेहसाणा की कादी सीट पर ‘आप’ को हार का सामना करना पड़ा, जहां पार्टी के उम्मीदवार जगदीश तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा, जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही.

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