गुरुग्राम कोर्ट में वकीलों जैसी ड्रेस पहनने पर पाबंदी:अनजान व्यक्ति की गेट पर चैक होगी आईडी, फ्रॉड और दलालों पर लगेगी रोक

by Carbonmedia
()

गुरुग्राम जिला कोर्ट परिसर में आम लोगों के सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है। जिला बार एसोसिएशन ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत केवल पंजीकृत वकील और कानूनी पढ़ाई कर रहे अधिकृत ट्रेनी वकील ही सफेद शर्ट और काली पैंटपहनकर कोर्ट परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इस संबंध में बार एसोसिएशन की तरफ से बाकायदा लिखित में फैसला सभी वकीलों को भेजा गया है। बार की तरफ से बताया गया है कि वकीलों की पोशाक पहनकर कुछ दलाल और असामाजिक तत्व मुवक्किलों को गुमराह करने और भ्रम पैदा करते हैं। इस संबंध में कई वकीलों की शिकायतें बार के पास पहुंची थी। जिला बार एसोसिएशन के इस नए नियम का उद्देश्य कानूनी पेशे की गरिमा, पवित्रता और पहचान को बनाए रखना है। बार एसोसिएशन के प्रधान निकेश राज यादव के मुताबिक कई अनधिकृत व्यक्ति वकीलों जैसी पोशाक पहनकर कोर्ट परिसर में घूमते हैं, जिससे न केवल असली वकीलों की पहचान में भ्रम होता है, बल्कि न्याय की तलाश में आए लोगों को भी धोखेबाजों द्वारा ठगा जाता है। यह स्थिति कोर्ट प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है। इस नियम के लागू होने से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और कोर्ट परिसर में पेशेवर अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा। नए नियम के तहत यदि कोई गैर-वकील या दलाल वकीलों की पोशाक में कोर्ट परिसर में पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषी पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, जिसमें कोर्ट परिसर से निष्कासन और संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा शामिल हो सकता है। बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव पवन राघव के मुताबिक इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कोर्ट प्रशासन और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। कोर्ट परिसर में प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा कर्मचारियों को पंजीकृत वकीलों और ट्रेनी वकील की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र या अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। यह कदम न केवल कोर्ट परिसर में अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि आम लोगों का कानूनी पेशे पर भरोसा भी मजबूत करेगा। स्थानीय वकीलों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे कानूनी पेशे की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। वकीलों का कहना है कि यह नियम न केवल धोखाधड़ी को रोकेगा, बल्कि मुवक्किलों को सुरक्षित और विश्वसनीय कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करेगा।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment