गुरुग्राम दंगे के दौरान मस्जिद पर हुए हमले और वहां के इमाम की हत्या के मामले में कोर्ट ने 22 वर्षीय युवक को ज़मानत दे दी। बंधवाड़ी के रहने वाला सुखराल उर्फ कपिल उर्फ कुबड़ा इस मामले में जमानत पाने वाला नौवां आरोपी है। सुखराल का एफआईआर में नाम नहीं था और किसी दूसरे आरोपी ने उसके शामिल होने की बात स्वीकार की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुनीत सहगल ने 16 जुलाई के आदेश में कहा कि बिना किसी औचित्य के आरोपी को हिरासत में रखना उसके मौलिक अधिकारों का हनन होगा। इसलिए मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने और मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना, यह अदालत आवेदक-आरोपी को ज़मानत देना उचित समझती है। कपिल को एक लाख रुपए का मुचलका भरने की शर्त पर ज़मानत दी गई। उसे इतनी ही राशि का एक जमानती भी देना है। जमानत देते समय कोर्ट ने पुलिस और सरकार को हिदायत दी है कि अगर वह कोई अपराध करता है या अन्य इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहता है तो उसकी जमानत के खिलाफ जा सकते हैं। इस मामले के चार अन्य आरोपी नवीन, राकेश उर्फ भोला, आकाश और नवीन गुरुग्राम कोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। जबकि तीन अन्य आरोपी सतपाल, रविंदर और राहुल को जुलाई 2024 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दी गई थी। दो साल पहले हुए थे दंगे नूंह में हुई हिंसा के कुछ घंटों बाद 31 जुलाई और एक अगस्त की रात लगभग 90-100 लोगों की हथियारबंद भीड़ ने सेक्टर 57 स्थित अंजुमन मस्जिद को घेर लिया। मौके पर तैनात पुलिस दल ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें गोलीबारी का सामना करना पड़ा। कुछ ही मिनटों में भीड़ मस्जिद में घुस गई और उसे आग लगा दी। इमाम मोहम्मद साद की हत्या हमले में मस्जिद के नायब इमाम मोहम्मद साद पर हमला किया गया और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। इस हमले में एक अन्य व्यक्ति खुर्शीद आलम के पैर में गोली लगी। इस संबंध में सेक्टर 56 पुलिस स्टेशन में हत्या, दंगा, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होना, किसी अन्य व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुंचाना, नुकसान पहुंचाने वाली हरकत और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुआ था दंगा 31 जुलाई, 2023 को दो समुदायों के लोगों द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई धमकियों के बाद, बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जब जुलूस नूंह से गुज़र रहा था और एक हथियारबंद भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। गुरुग्राम और दक्षिण हरियाणा के पड़ोसी ज़िलों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में तीन पुलिसकर्मियों समेत छह लोग मारे गए। वकील बोले- गलत फंसाया गया कपिल के वकील मनीष शांडिल्य ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि 22 वर्षीय कपिल को अन्य आरोपियों के खुलासे वाले बयान में फंसाया गया था। उन्होंने अदालत को बताया कि उससे कोई बरामदगी लंबित नहीं है। आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। इस प्राथमिकी में उसका नाम नहीं था और दूसरे आरोपियाें के कहने पर उसे पकड़ा गया था। सरकारी वकील सुमित सैनी ने तर्क दिया कि हालांकि कपिल का नाम शुरू में प्राथमिकी में नहीं था, लेकिन अन्य आरोपियों ने शुरू में इसका खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि अपराध को अंजाम देने में इस्तेमाल किए गए हथियार आरोपियों से बरामद कर लिए गए हैं।
गुरुग्राम दंगे में मस्जिद पर हमले के आरोपी को जमानत:तोड़फोड़ के बाद मस्जिद में लगाई आग, इमाम की तेज धार हथियार से हत्या
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