गुरुग्राम में अब किड सेंट्रिक होम सोसाइटी का ट्रेंड:बच्चों के लिए लर्निंग हब और खेल सुविधाएं; स्क्रीन टाइम कम, क्रिएटिविटी को बढ़ावा

by Carbonmedia
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गुरुग्राम में मॉडर्न अर्बन लाइफ स्टाइल के बीच पेरेंट्स अपने वर्किंग शेड्यूल और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। जिसके कारण उनके बच्चों का सोशल दायर मोबाइल और टीवी तक सिमट गया है। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित, क्रिएटिव एवं ग्रोथ ओरिएंटेड एनवायरमेंट भूलते जा रहे हैं। इन बदलती जरूरत को पूरा करने के लिए गुरुग्राम के रियल एस्टेट बाजार में किड सेंट्रिक होम्स कॉन्सेप्ट एक नया ट्रेंड बनकर उभर रहा है। ये रिहायशी प्रोजेक्ट बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को प्राथमिकता के साथ लॉन्च किए जाने लगे हैं। जिससे न केवल बच्चों को एक बेहतर बचपन मिल सकेगा, बल्कि पेरेंट्स को भी सुकून मिलेगा। आइए, जानते हैं क्या है किड सेंट्रिक होम्स सेफ्टी और क्रिएटिविटी पर फोकस: किड सेंट्रिक होम्स ऐसी आवासीय परियोजनाएं हैं, जो विशेष रूप से बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाती हैं। ये पारंपरिक आवासीय सोसायटियों से अलग हैं, क्योंकि इनका फोकस केवल वयस्कों की सुविधा पर नहीं, बल्कि बच्चों की सेफ्टी, शिक्षा, क्रिएटिविटी और शारीरिक गतिविधियों पर होता है। सारी सुविधाएं एक जगह: ये घर न केवल बच्चों के लिए सुरक्षित और आकर्षक वातावरण प्रदान करते हैं, बल्कि पेरेंट्स के लिए भी सुविधाजनक होते हैं, जो अपने बच्चों के लिए आउटडोर एक्टिविटीज के लिए दूर जाने से बचना चाहते हैं। क्योंकि सोसाइटी में ही तमाम तरह की इनडोर और आउटडोर सुविधाएं दी जाती हैं। ये होता है खास: ऐसी सोसायटियों में विश्व-स्तरीय खेल सुविधाएं, लर्निंग हब, क्रिएटिव जोन और सुरक्षित खेल के मैदान जैसे संसाधन उपलब्ध होते हैं। इनका उद्देश्य बच्चों को स्क्रीन टाइम से दूर रखकर उनकी क्रिएटिविटी, सामाजिक कौशल और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। किड सेंट्रिक होम्स की प्रमुख विशेषताएं सेफ्टी: उच्च बॉलकनी ग्रिल्स, गोल कॉर्नर वाले फर्नीचर, चाइल्ड-प्रूफ स्विच, एंटी-स्किड टाइल्स, जियो-फेंसिंग और 24/7 सीसीटीवी निगरानी। लर्निंग हब और कोचिंग: यहां लर्निंग हब होते हैं, जहां म्यूजिक, डांस, एक्टिंग, थिएटर के लिए प्रशिक्षित कोच होते हैं। खेल: विश्व-स्तरीय खेल सुविधाएं जैसे टेनिस कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, स्विमिंग पूल, स्केटिंग रिंक, और साइकिलिंग ट्रैक के साथ पार्क और ओपन प्ले एरिया बच्चों को प्रकृति के करीब लाते हैं। सोशल और इमोशनल ग्रोथ: यहां बच्चों को विभिन्न पृष्ठभूमि के बच्चों के साथ मिलने-जुलने का मौका मिलता है, जिससे उनमें सहानुभूति, समावेशिता और सामाजिक कौशल विकसित होते हैं। सुविधा और समय की बचत: माता-पिता को अपने बच्चों को कोचिंग या एक्टिविटीज सेंटरों तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि सभी सुविधाएं सोसाइटी के अंदर ही उपलब्ध होती हैं। इससे समय की बचत होती है और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का अवसर मिलता है। मूल्यों का समावेश: यहां स्वच्छता अभियान, ट्रैफिक नियम जागरूकता और नो-स्मोकिंग जैसे सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो बच्चों में नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं। किड सेंट्रिक होम्स का उभरता ट्रेंड गुरुग्राम भारत के प्रमुख कॉर्पोरेट हब में से एक है। यहां किड सेंट्रिक होम्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते एकल परिवारों और डबल-इनकम हाउस होल्ड्स के कारण पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए ऐसी जगह चाहते हैं, जो सुरक्षित हो और उनके विकास में योगदान दे। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में किड सेंट्रिक होम्स पारंपरिक आवासीय परियोजनाओं की तुलना में ज्यादा अधिक प्रीमियम पर बिकेंगे। ये प्रोजेक्ट शुरू हुए सोहना रोड स्थित आशियाना अनमोल भारत की पहली किड सेंट्रिक होम परियोजना है, जिसमें लर्निंग हब, स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट, और टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं। यह परियोजना बच्चों के लिए सुरक्षित और रचनात्मक वातावरण प्रदान करती है। सेक्टर 93 में अमारा प्रोजेक्ट 22 एकड़ में फैला है और यहां पर 4.5 एकड़ विशेष रूप से किड सेंट्रिक सुविधाओं के लिए डेडिकेटेड है। इसमें विश्व-स्तरीय खेल सुविधाएं, क्रिएटिव जोन, और बच्चों के लिए प्रशिक्षित कोच उपलब्ध हैं। डिजिटल युग में बच्चे अधिकांश समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं, जिसका उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अर्बन में लड़कियों में यह समस्या अधिक है। बच्चे औसतन केवल 12.6 मिनट की शारीरिक गतिविधि करते हैं, जबकि 10 घंटे से अधिक समय स्थिर रहते हैं। इससे मोटापा, मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है।-डॉक्टर बच्चों और किशोरों को प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट की शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता होती है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित खेल के मैदानों की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पाता। किड सेंट्रिक होम्स इस कमी को पूरा कर सकते हैं।

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