गुरुग्राम पुलिस ने कंबोडिया में चल रहे इंटरनेशनल साइबर क्राइम रैकेट से जुड़ी महिला सदस्य को आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला खुशबू (24 वर्ष) 12वीं पास है और मूल रूप से ककरीमोरा फलियु, महुवरिया, जिला सूरत, गुजरात की रहने वाली है। यह महिला कथित तौर पर कंबोडिया की राजधानी में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले कॉल सेंटर में काम करती है। पुलिस ने उसके कब्जे से ठगी में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। 4 दिसंबर 2024 को एक महिला ने साइबर अपराध पूर्व थाना, गुरुग्राम में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके बेटे को एक फर्जी कॉल के जरिए धमकाया गया। कॉलर ने दावा किया कि बेटे का आधार कार्ड हवाला कारोबार में इस्तेमाल हुआ है और उसे डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी गई। फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर कॉलर ने पैसे ट्रांसफर करवाए। इस शिकायत के आधार पर थाना साइबर अपराध पूर्व में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में निरीक्षक अमित शर्मा और उनकी टीम ने जांच शुरू की। पुलिस को महिला के इंडिया आने के बारे में इनपुट मिला तो दिल्ली हवाई अड्डे से खुशबू को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि ठगी की रकम में से 39 लाख रुपए आरोपी सुरेंद्र के बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे, जिसे उसने 5 लाख रुपए में यह अकाउंट मितेश को बेचा था। मितेश ने यह खाता दुबई में रहने वाले अपने भाई भार्गव के कहने पर खुशबू को बेचा। कंबोडिया में साइबर ठगी का खेल खुशबू ने खुलासा किया कि वह नवंबर 2023 में अपनी एक दोस्त के पति के जरिए नौकरी के लिए दुबई गई थी। वहां से अगस्त 2024 में वह कंबोडिया पहुंची और फ्नॉम पेन्ह के Mango Park कॉल सेंटर में काम शुरू किया। इस कॉल सेंटर में वह डिजिटल अरेस्ट के लिए साइबर ठगी की प्रथम चरण की टीम में शामिल थी। खुशबू को इस काम के लिए 700 अमेरिकी डॉलर मासिक वेतन मिलता था। कॉल सेंटर चीनी मूल के लोगों द्वारा संचालित था, जिसमें भारत और अन्य देशों के युवा-युवतियां साइबर ठगी में शामिल थे। तीन चरणों में होता था ठगी का काम कॉल सेंटर का नेटवर्क पुलिस जांच में सामने आया कि फ्नॉम पेन्ह और कंबोडिया के अन्य स्थानों पर ऐसे कई कॉल सेंटर संचालित हो रहे हैं, जो डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। खुशबू के कब्जे से बरामद दो मोबाइल फोन ठगी की गतिविधियों में इस्तेमाल किए जा रहे थे।
गुरुग्राम में इंटरनेशनल फ्रॉड रैकेट से जुड़ी लेडी अरेस्ट:चीन द्वारा कंबोडिया में चलाया जा डिजिटल अरेस्ट कॉल सेंटर, 700 डॉलर महीने की सैलरी
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