गुरुग्राम में एंबियंस मॉल में पांच रेजिडेंट्स की एंट्री बैन:लोगों का मॉल प्रबंधन पर गुंडागर्दी का आरोप, गाड़ियों को जबरन सोसाइटी की तरफ डायवर्ट किया

by Carbonmedia
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गुरुग्राम के पॉश इलाके की सोसाइटियों की तरफ ट्रैफिक डायवर्ट करने का मामला तूल पकड़ गया है। लैगून सोसाइटी के रेजिडेंट्स द्वारा विरोध करने के बाद मंगलवार रात को एंबियंस माल प्रबंधन में चार महिलाओं समेत पांच लोगों की मॉल में एंट्री पर रोक लगा दी है। माॅल प्रबंधन की तरफ से बाकायदा मुख्य गेट पर सार्वजनिक रूप से नोटिस चस्पा किया गया है। नोटिस में लैगून सोसाइटी में रहने वाली चार महिलाओं पूनम लाल, मीना ऐरी, अनीता पाराशर, कविता राय और एक व्यक्ति आयुष भाटिया के नाम लिखे गए हैं। इस लिस्ट में छठा नाम सोसाइटी के वर्तमान आरडब्ल्यूए प्रेजीडेंट की वाइफ का था, जिसे बाद में हटा दिया गया। मॉल प्रबंधन की इस कार्रवाई के बाद रेजिडेंट्स में गुस्सा और बढ़ गया है। मॉल में इस तरह एंट्री बैन किए जाने को लेकर न केवल लैगून बल्कि आसपास की सोसाइटी के लोगों में भी रोष है। रेजिडेंट्स का कहना है कि एंबियंस माल की ओर जाने वाला मुख्य रास्ता चार महीने पहले बिना कोई कारण बताए सोसाइटी के गेट के ठीक सामने डायवर्ट कर दिया गया है। जिससे ट्रैफिक जाम और उनका निकलना मुश्किल हो गया है। खासकर वीकेंड को स्थिति बेहद खराब हो जाती है और उनकी सोसाइटी के गेट तक गाड़ियों की लाइन लग जाती है। परेशान होकर रविवार को सोसाइटी के लोगों ने यूटर्न बंद कर दिया था। जिसके बाद मॉल के बाउंसरों से उनकी झड़प हुई थी। इस झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। इस सार्वजनिक अपमान के खिलाफ सोसाइटी के लोग और फेडरेशन आफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने कड़ा रुख अपनाया है। फेडरेशन के अध्यक्ष संजय लाल ने इसे महिलाओं की गरिमा और आत्मसम्मान के विरुद्ध बताया। साथ ही महिला आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक नोटिस को तुरंत हटाया जाए और माफी मांगी जाए। ट्रैफिक डायवर्जन को हटाकर सोसाइटी के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। रेजिडेंट्स ने बताया कि कोर्ट में दाखिल डीड आफ डिक्लेरेशन के हिसाब से यह सड़क केवल लगून ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की है। ट्रैफिक की समस्या तीन से चार महीने पहले शुरू हुई है। ट्रैफिक डाइवर्ट करने का कारण भी प्रबंधन नहीं बताता। लगातार बिल्डर प्रबंधन से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सोसाइटी के आरडब्लूए अध्यक्ष के साथ कई लोग प्रबंधन से मिले थे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। सोसाइटी के पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष संजय लाल माथुर ने बताया कि शुरुआत में नोटिस में वर्तमान आरडब्ल्यूए अध्यक्ष की पत्नी का नाम भी शामिल था, जिसे बाद में हटा लिया गया। हालांकि, पांच अन्य महिलाओं के नाम अब भी नोटिस में हैं, जिन्हें मॉल में प्रवेश से रोकने का आदेश दिया गया है। उन्होंने इस कदम को महिलाओं के खिलाफ अपराध करार देते हुए कहा कि इसके खिलाफ वे वूमेन सेल में शिकायत दर्ज करेंगे। उन्होंने बताया कि नोटिस में कुछ ऐसी महिलाओं के नाम भी शामिल हैं, जो विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थीं। माथुर ने जोर देकर कहा कि अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर नागरिक का हक है, और किसी को भी सार्वजनिक स्थान पर जाने से रोकना गैरकानूनी है। खास तौर पर महिलाओं के नाम सार्वजनिक रूप से चस्पा करना निंदनीय और गलत है। सोसाइटी में अधिकांश निवासी सीनियर सिटिजन हैं और उन्हें आवाजाही में परेशानी होती है। इसी वजह से विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब जानिए मॉल प्रबंधन की सफाई
एम्बियंस मॉल के मीडिया प्रभारी के मुताबिक सड़क का उपयोग एक व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, लेकिन किसी एक व्यक्ति या संस्था को इसे अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं है। सड़क का उपयोग मॉल ग्राहकों, होटल ग्राहकों, अन्य समाज के लोगों द्वारा भी किया जाता है। सड़क को अवरुद्ध करने से उपद्रव होता है और ऐसा करना अवैध है। इस घटना का मॉल से कोई संबंध नहीं है। किसी भी बाउंसर या सुरक्षा कर्मी का इसमें कोई योगदान नहीं था। जैसे ही टीम को स्थिति की जानकारी मिली, तुरंत पुलिस को सूचित किया गया। सड़क का रख‑रखाव एंबियंस करता है। किसी भी निवासी या सोसाइटी का इस पर स्वामित्व या विशेष अधिकार नहीं है। यह मार्ग सार्वजनिक उपयोग के लिए खुला है। लगून अपार्टमेंट के निवासियों द्वारा एक वाहन के प्रवेश को अवरुद्ध करने से मॉल के ग्राहकों व स्थानीय निवासियों दोनों को भारी असुविधा हुई। सभी आरोप निराधार हैं।

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