गुरुग्राम में गढ़ी हरसरू के पास ऑटो में जा रहे दंपति को झाड़ियों में एक मासूम बच्ची मिली है। भीषण गर्मी में बच्ची रो रही थी। उसकी आवाज सुनकर राहगीर रुक गए तो ऑटो में सवार दंपति ने उसे उठाया और हयातपुर चौकी में पुलिस को सौंप दिया। यह बच्ची बोल नहीं पा रही है और इतनी डरी हुई है कि वह अपनी पहचान भी नहीं बता सकती। पुलिस ने केस दर्ज कर बच्ची के पेरेंट्स की तलाश शुरू कर दी है। कड़ी धूप में झाड़ियों के बीच कपड़े में लपेट कर डाला जोतराम चौक पर दुकान चलाने वाली बिंदो देवी ने बताया कि दोपहर करीब 2 बजे वह अपने पति के साथ ऑटो में जा रही थी। किलाचंद नगर से हयातपुर के बीच झाड़ियों के पास कुछ लोग जमा थे। उन्होंने सोचा कि ये सवारी होंगी, जब उन्होंने ऑटो रोका तो वहां झाड़ियों से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। वहां खड़े लोगों ने बताया कि यह बाबा रंग के परने में लिपटी हुई एक बच्ची है, जो काफी देर से रो रही है। बिंदो ने तुरंत मौके पर जाकर सूझबूझ दिखाते हुए बच्ची को झाड़ियों से बाहर निकाला। बच्ची की पहचान में करें मदद बच्ची के शरीर पर पीली-नीली टीशर्ट, नीली निक्कर, आसमानी रंग की बनियान थी। उसके दोनों पैरों और गले में काला धागा (नजर उतारने वाला) बंधा हुआ था। गोरे रंग और सुनहरे बालों वाली इस बच्ची की उम्र करीब एक वर्ष है। बिंदो देवी ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी और बच्ची को सुरक्षित रखा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में लगता है कि बच्ची को उसके परिवार या अज्ञात लोगों ने किसी कारणवश झाड़ियों में छोड़ दिया था। बच्ची के परिजनों को तलाश रही पुलिस बिंदो देवी ने पुलिस चौकी सैक्टर-93 में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने बच्ची के माता-पिता या परिवार वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस अभिभावक की तलाश कर रही है। इस बारे में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बच्ची सुरक्षित है और उसके परिवार की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची को इस हालत में क्यों छोड़ा गया। बिंदो देवी की इस नेक पहल की स्थानीय लोग जमकर सराहना कर रहे हैं। उन्होंने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि समाज के सामने मानवता की मिसाल भी पेश की।
गुरुग्राम में एक साल की बच्ची को झाड़ियों में फेंका:कड़ी धूप में रो रही बच्ची को दंपति ने रेस्क्यू कर पुलिस को सौंपा
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