पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चाची सुप्रभा देवी की आत्मा की शांति के लिए रविवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह सभा दोपहर बाद मारुति रोड स्थित नोटिंग हिल बैंक्विट हॉल में हुई। सभा में हरियाणा के कई प्रमुख राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर सुप्रभा देवी के जीवन और उनके सामाजिक योगदान को याद किया गया, साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
श्रद्धांजलि सभा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सुप्रभा देवी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सुप्रभा देवी न केवल उनके परिवार की वरिष्ठ सदस्य थीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपने व्यवहार और कार्यों से समाज में एक अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने बताया कि सुप्रभा देवी हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहती थीं। बेटे के साथ उत्तराखंड में रहती थीं सुप्रभा देवी पूर्व CM के चाचा फतेह सिंह का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था। वह खेती करते थे। उन्होंने इसके लिए उत्तराखंड के बाजपुर में जमीन लेकर फार्महाउस बनाया था। हालांकि, वर्षों पहले उनका देहांत हो गया था। इसके बाद से उनके बेटे कुलवीर हुड्डा इसकी देखभाल कर रहे हैं। वहीं, भूपेंद्र हुड्डा की चाची भी अपने बेटे कुलवीर के पास ही रहती थीं। हालांकि, कुछ दिन पहले ही वह गुरुग्राम में रह रहे अपने पोते के यहां पहुंची थीं। यहीं पर उनका निधन हुआ है। भूपेंद्र हुड्डा के पिता राजनीति में एक्टिव थे रोहतक में कांग्रेस की जड़ें जमाने वाले मातूराम हुड्डा ने सबसे पहले 1920 में चुनाव लड़ा था। उसके बाद उनके बेटे रणबीर हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी और सात अलग-अलग सदनों के सदस्य रहे। इस परिवार की गिनती हरियाणा में आर्य समाजियों की पहली पीढ़ी में होती है। रणबीर हुड्डा के पांच बेटों में से भूपेंद्र हुड्डा ही राजनीति में इतने एक्टिव हुए। भूपेंद्र हुड्डा सांसद और फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से सांसद हैं।
गुरुग्राम में चाची की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे भूपेंद्र हुड्डा:बेटे के साथ उत्तराखंड में रहती थी, गुरुग्राम में पोते के पास हुआ निधन
12