गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में एसजीटी विश्वविद्यालय के नर्सिंग संकाय ने 4 से 8 अगस्त 2025 तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया। इस वर्ष का थीम “स्तनपान में निवेश, भविष्य में निवेश” रहा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य में स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डालना था। साथ ही समाज में इसके लिए सहयोगी वातावरण बनाना भी इसका लक्ष्य था। रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता से शुरुआत सप्ताहभर चले आयोजन की शुरुआत रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिताओं से हुई। बी.एससी. नर्सिंग की वंशिका और मुस्कान ने रंगोली प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में भूमिका विजेता रही। समाज के सामूहिक प्रयास पर जोर कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में गालगोटियास विश्वविद्यालय की डीन प्रो. (डा.) लेखा बिष्ट ने व्याख्यान दिया। उनके व्याख्यान का विषय था “स्तनपान को प्राथमिकता दें, सतत सहयोगी प्रणाली का निर्माण। उन्होंने स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए परिवार, स्वास्थ्य संस्थानों और समाज के सामूहिक प्रयास पर जोर दिया। एसजीटी विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. (डा.) अतुल कुमार नासा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने मां और शिशु के स्वास्थ्य में स्तनपान के महत्वपूर्ण लाभों को रेखांकित किया। माताओं ने भी सक्रिय रूप से पूछे प्रश्न नर्सिंग के छात्रों ने विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। इनमें पीएचसी दौलताबाद, सिविल अस्पताल सेक्टर-10 गुरुग्राम और उपमंडलीय सिविल अस्पताल पटौदी शामिल थे। छात्रों ने नुक्कड़ नाटक और आहार प्रदर्शनी के माध्यम से स्तनपान के महत्व का संदेश दिया। कार्यक्रमों में केवल स्तनपान, सही स्तनपान विधियां, मिथकों का खंडन और परिवार की भूमिका पर जानकारी दी गई। माताओं ने भी सक्रिय रूप से प्रश्न पूछकर कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में ये रहे शामिल कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डा.) सुनील कुमार दुलार, डीन; प्रो. (डा.) सारिका यादव, एसोसिएट डीन; प्रो. दीपक, प्रमुख, प्रसूति एवं स्त्री रोग नर्सिंग; डॉ. खुशबू, प्रमुख, शिशु स्वास्थ्य नर्सिंग; एवं सुश्री पूनम अहलावत के मार्गदर्शन में हुआ।
गुरुग्राम में नर्सिंग छात्रों ने नुक्कड़ नाटक से किया जागरूक:स्तनपान के महत्व पर डाला प्रकाश, सहयोगी वातावरण बनाना लक्ष्य
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