हरियाणा के गुरुग्राम में सरकार स्कीमों का मुआवजा जल्दी दिलाने के नाम पर कमीशन के खेल का खुलासा हुआ है। आरोपियों ने एक महिला के पति की मौत के बाद दीनदयाल स्कीम के तहत मिलने वाली पांच लाख रुपए की राशि जल्द दिलवाने का वादा कर 30% कमीशन मांगा। पीड़ित महिला के देवर ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस ने आरोपी विकास और महेंद्र कुमार को अरेस्ट किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल और एक मारुति ब्रेजा गाड़ी बरामद की। पूछताछ में 15 अन्य वारदातों का खुलासा हुआ। आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया है। जमालपुर चौकी में एक व्यक्ति ने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी कि जनवरी-2024 को उसके बड़े भाई का निधन हो गया था। इसके भाई के परिवार का बीपीएल कार्ड होने के कारण इसकी भाभी ने सरकार की दीनदयाल स्कीम के तहत पांच लाख के मुआवजा राशि के लिए आवेदन किया था। उसके आवेदन पर हरियाणा सरकार की तरफ से परिवार को पांच लाख रुपए मंजूर किए थे। उसकी भाभी के अकाउंट और दोनों भतीजी के बैंक खाता से ज्वाइंट न होने के कारण बैंक खाते में रुपए नही आ पाए। 14 जून 2025 को मृतक की पत्नी के एक फोन कॉल आई और फोन करने वाले व्यक्ति ने उसे पांच लाख रुपए जल्द दिलवाने की बात कही। जब उसने दिए गए नंबर पर बात कि तो फोन पर व्यक्ति ने कहा कि दीनदयाल स्कीम के तहत वह 15 दिन रुपए दिलवा देगा, जिसके लिए कुछ फीस लगेगी। फिर उस व्यक्ति ने उनको पटौदी में मिलने के लिए बुलाया। जब वे पटौदी पहुंचे तो एक कार में दो व्यक्ति मिले, फिर इसे अपनी कार में बैठाकर उस व्यक्ति ने मुआवजे की पांच लाख रुपए की राशि दिलाने के बदले राशि का 30% (01 लाख 50 हजार) कमीशन मांगा तो इसने मना कर दिया। इस शिकायत पर पुलिस थाना बिलासपुर में केस दर्ज किया गया। चौकी इंचार्ज अमित कुमार ने बताया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पहचान विकास (उम्र 32 वर्ष) निवासी हिंगवाहेङा, जिला खैरथल (राजस्थान) तथा महेन्द्र कुमार (उम्र 48 वर्ष) निवासी वार्ड नंबर तीन, हेली मं, के रूप में हुई है। पुलिस टीम द्वारा आरोपी विकास को रेवाड़ी से तथा आरोपी महेन्द्र को हेलीमंडी से पकड़ा गया है। आरोपियों से प्रारम्भिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि महेन्द्र पटौदी में पैथलैब चलाता है और आरोपी विकास आर.ओ. की एक कम्पनी का प्रचार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाता था। अभी ये दोनों आरोपी आर.ओ. की कम्पनी के लिए ही काम कर रहे थे तथा आरोपी महेन्द्र पैथलैब भी चलाता है। ये अपने अन्य साथियों की सहायता से सीएससी सेन्टरों से ऐसे लोगों की लिस्ट ले लेते थे, जिनके सरकार की तरफ से मंजूर किए हुए मुआवजे किसी कारण से रुके हुए है, फिर ये उन लोगों से सम्पर्क करके उन लोगों से मुआवजा दिलवाने के लिए कमीशन मांगते थे। आरोपियों ने इस प्रकार की करीब 15 वारदातों को अन्जाम देने का खुलासा किया है। आरोपियों के आपराधिक रिकार्ड से पता चला है कि आरोपी विकास के खिलाफ जिला रेवाड़ी व महेन्द्रगढ में चोरी करने, ए.टी.एम. मशीन से रुपए निकालने के अपराधों के 06 केस हैं।
गुरुग्राम में सरकारी स्कीम में कमीशन का खेल:सीएससी से मृत लोगों की लिस्ट लेकर 30% में जल्दी मुआवजा दिलाते थे, दो पकड़े
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