गुरुग्राम में सीनियर डिप्टी मेयर विवाद पर केंद्रीय मंत्री खामोश:मानेसर नगर निगम में दो गुटों में बंटे पार्षद, दोनों एक सप्ताह से अंडरग्राउंड

by Carbonmedia
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गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर खींचतान जारी है। एक सप्ताह बाद न तो भाजपा के पार्षदों का कोई अता पता है और न ही निर्दलीय पार्षद सामने आ रहे हैं। पार्षदों के अंडरग्राउंड होने और चुनाव प्रक्रिया अटकी होने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी खामोश हैं। बुधवार को गुरुग्राम में आपातकाल के 50वें वर्ष पर आयोजित सेमिनार में जब उनसे मानेसर नगर निगम में चल रहे विवाद को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने टालते हुए कहा कि आज हम केवल आपातकाल की बात करेंगे। मानेसर के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के मुद्दे पर बाद में चर्चा करेंगे। उन्होंने इस हॉट मुद्दे पर तत्काल टिप्पणी से इंकार कर दिया। मानेसर में दो गुट, दोनों अंडरग्राउंड मानेसर के पार्षद दो धड़ों में बंटे हैं और आधे से ज्यादा पार्षद करीब एक सप्ताह से अंडरग्राउंड हैं। बताया जा रहा है कि दोनों धड़े एक दूसरे के समर्थक पार्षदों को अपने पाले में लाने के लिए जुटे हैं। इसी डर से दोनों गुटों ने अपने अपने पार्षदों को सीक्रेट जगहों पर भेज दिया गया है। यहां तक की उनके मोबाइल भी बंद करवाए गए हैं। भाजपा को ज्यादा खतरा राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा खतरा भाजपा को नजर आ रहा है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने सात निर्दलीय पार्षदों को मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के सामने भाजपा ज्वाइन करवाई थी। तभी से दूसरे गुट के समर्थक सक्रिय हैं और उन्हें धमकी दी जा रही है। वार्ड 16 के पार्षद दयाराम के चचेरे भाई प्रदीप का तो अपहरण और मारपीट भी हो चुकी है। हाईकोर्ट में सुनवाई एक जुलाई को गुरुग्राम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर उत्पन्न विवाद अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई रिट याचिका पर हाईकोर्ट की डबल बेंच 1 जुलाई को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि निर्धारित समय पर दोनों पदों के लिए चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। मानेसर में निर्दलीय मेयर दरअसल मानेसर नगर निगम के मेयर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव की जीत के बाद से ही सियासी सरगर्मियां तेज हैं। मानेसर नगर निगम में मेयर चुनाव के बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में देरी और सियासी खींचतान के कारण विवाद चल रहा है। पार्षद के चचेरे भाई पर हमला चार दिन पहले पार्षद दयाराम के चचेरे भाई प्रदीप को किडनैप कर उसके साथ मारपीट की गई थी। साथ ही धमकी दी गई थी कि अगर उनके पक्ष में वोट नहीं दिया गया तो परिवार को सुपारी देकर मरवा दिया जाएगा। तभी से पार्षदों में डर बना हुआ है। यहां जानिए डिप्टी मेयर पद को लेकर क्या चल रहा… 3 माह से डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो सके दरअसल, मेयर चुनाव के 3 महीने बाद भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो पाए हैं, जिससे नगर निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस देरी के पीछे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच चल रही सियासी खींचतान को जिम्मेदार माना जा रहा है। मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद हैं, जिनमें से 7 बीजेपी के और 13 निर्दलीय चुने गए थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 7 निर्दलीय पार्षद राव नरबीर के संपर्क में हैं, जबकि बाकी राव इंद्रजीत के खेमे के साथ बताए जा रहे हैं। मेयर लिख चुकी मंडल आयुक्त को पत्र राव इंद्रजीत के खेमे से आने वाली डॉ. इंद्रजीत कौर ने गुरुग्राम मंडल आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए बैठक बुलाने की मांग की है। मेयर ने हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम, 1994 के नियम 71(2) का हवाला देते हुए कहा कि मेयर और पार्षदों की अधिसूचना के 60 दिनों के भीतर इन पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए। मगर, 100 दिन बीतने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। दोनों राव में नाक का सवाल दरअसल मेयर चुनाव के तीन महीने बाद भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो पाए हैं, जिससे नगर निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस देरी के पीछे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच चल रही सियासी खींचतान को जिम्मेदार माना जा रहा है। 20 पार्षद, 13 निर्दलीय जीते मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद हैं, जिनमें से 7 बीजेपी के और 13 निर्दलीय चुने गए थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 10 पार्षद राव नरबीर के संपर्क में हैं, जबकि बाकी 10 राव इंद्रजीत के खेमे के साथ बताए जा रहे हैं। विकास कार्य रुके हुए इस देरी से मानेसर में इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्य रुके हुए हैं, जिससे स्थानीय जनता में असंतोष बढ़ रहा है। 10 जून को आयोजित निगम की सदन बैठक में पार्षदों ने सर्वसम्मति से आयुक्त से तत्काल चुनाव की मांग की थी। मेयर ने इस पत्र की प्रतियां हरियाणा के मुख्य सचिव और शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भी भेजी हैं। निर्दलीय मेयर राव इंद्रजीत का समर्थक बताती है मानेसर नगर निगम का यह सियासी ड्रामा बीजेपी में गुटबाजी को भी जाहिर करता है। मेयर चुनाव में खुद को राव इंद्रजीत की समर्थक कहने वाली डॉ. इंद्रजीत कौर ने बीजेपी के सुंदरलाल यादव को 2 हजार 293 वोटों से हराया था। जबकि सुंदरलाल यादव के पक्ष में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और राव नरबीर ने खूब प्रचार किया था, लेकिन राव इंद्रजीत की रणनीति भारी पड़ी।

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