भास्कर न्यूज | अमृतसर हिंदू परंपरा में प्रत्येक त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। किंतु जब गुरु पूर्णिमा आती है तो भक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। क्योंकि गुरु पूजन में शिष्य और गुरु के अटूट संबंध होता है। चौक पासियां स्थित अध्यात्म केंद्र प्राचीन मंदिर श्री जय कृष्णिया में भक्तों ने गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया । जिसमें देश-विदेशों से श्रद्धालुओं शामिल होकर गुरु पूजन किया। इसमें मंदिर संचालक दर्शनाचार्य सागर मुनि शास्त्री ने अपने शिष्यों का आभार व्यक्त करते कहा कि गुरु और शिष्य एक दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों का अस्तित्व एक दूसरे के साथ जुड़ा होता है। गुरु मनुष्य जीवन की आधारशिला होते हैं। कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि में जब तक अर्जुन शिष्यत्व भाव का स्वीकार नहीं करते हैं। तब तक भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें ज्ञान प्रदान नहीं किया। अत: सभी को अपने गुरुओं के प्रति भावयुक्त होना चाहिए। इसमें प्रधान कार्यकर्ता अंजना लूथरा, कीर्तिका धवन, गौतम सरीन, शुभ सरीन, कीमती लाल गुलाटी, देवदास बावा, नीतीश उप्पल, अमित शिंगारी सहित भक्त और संत जन मौजूद रहे।
गुरु और शिष्य एक-दूसरे के पूरक होते हैं : सागर मुनी शास्त्री
4