अमृतसर| गॉलब्लैडर यानी पित्ताशय की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसका कारण बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता है। ईएमसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अमृतसर के वरिष्ठ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस् ट डॉ. कमलदीप सिंह ने बताया कि गॉलब्लैडर स्टोन और कोलेसिस्टाइटिस आम समस्याएं बन चुकी हैं। लोग इनके लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते, जिससे इलाज में देर हो जाती है। पित्ताशय लीवर के नीचे स्थित एक छोटा थैलीनुमा अंग होता है। यह पाचन के लिए जरूरी पित्त रस को जमा करता है। जब पित्त रस में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य तत्व बढ़ जाते हैं, तो यह जमकर पथरी बनाते हैं। कई बार यह पथरी बिना लक्षण के रहती है। लेकिन जब यह नली में फंसती है, तो तेज दर्द, मतली, उल्टी, अपच और पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में ऐंठन होती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूरी है। ईएमसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गॉलब्लैडर की सभी जांचें और इलाज की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉ. सिंह ने आमजन से अपील की कि पाचन से जुड़ी किसी भी समस्या को हल्के में न लें।
गॉलब्लैडर की पथरी को न करें नजरअंदाज, समय पर इलाज जरूरी : डॉ. कमलदीप सिंह
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