गोरखपुर में व्यापारियों से मिलने आए समाजवादी पार्टी डेलिगेशन का विरोध, सपा-BJP नेता आमने-सामने

by Carbonmedia
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UP News: विरासत गलियारा में व्यापारियों के मुआवजा नहीं मिलने के प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद सपा का डेलिगेशन माता प्रसाद पांडे और लाल बिहारी यादव नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में व्यापारियों से मिलने आया था. गोरखपुर के पांडेयहाता पर जैसे ही व्यापारियों से मिलने सपा का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा. वहां व्यापार मंडल से जुड़े बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध कर दिया. 
इस दौरान सपा और बीजेपी के बीच झड़प और नारेबाजी भी हुई. पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच- बीच बचाव का प्रयास किया. पांडेयहाता में विरोध के बाद सपा डेलिगेशन की एक गाड़ी का शीशा टूट गया, तो वही गाड़ी पर अंडे भी फेंके गए. बीजेपी के व्यापार मंडल से जुड़े कार्यकर्ताओं ने जेसीबी से उनका रास्ता भी रोक दिया. इस मामले पर सपा और बीजेपी के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी कर रहे हैं.
गोरखपुर के पाण्डेयहाता-घंटाघर पर विरासत गलियारा मुआवजा को लेकर व्यापारियों में रोष को देखते हुए सपा का डेलिगेशन नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और लाल बहादुर यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल गोरखपुर पहुंचा. बुधवार दोपहर 2:30 से 3:00 के बीच शुरू हुआ या विवाद इतना तूल पकड़ लिया कि 3:30 बजे सपा का प्रतिनिधिमंडल विरोध दर्ज करने के लिए धरने पर बैठ गया.
पुलिस ने दोनों पार्टियों को समझा-बुझाकर धरना सपा का धरना खत्म कराया. विरासत गलियारा में सड़क चौड़ीकरण को लेकर मन मुताबिक मुआवजा नहीं मिलने से व्यापारियों और स्थानीय लोगों में बीजेपी सरकार को लेकर काफी रोष व्याप्त है. व्यापारी मुआवजा सर्किल रेट और जमीन के मुताबिक नहीं मिलने से इतने नाराज हैं कि वह हाई कोर्ट तक पहुंच गए हैं. 
हालांकि अब इस मामले पर समाजवादी पार्टी और विपक्ष को राजनीति करने का मौका भी मिल गया है. यही वजह है कि सपा का डेलिगेशन आज माता प्रसाद पांडे और लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में व्यापारियों से मिलने आया था. इसी बीच बीजेपी व्यापार मंडल से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लग गई और वह सपा डेलिगेशन का विरोध करने के लिए पहुंच गए.
लोकतंत्र की हत्या मुख्यमंत्री के दरवाजे पर ही हो रही है- बिहारी लाल यादव
इस प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या मुख्यमंत्री के दरवाजे पर ही हो रही है. पांडेयहाता, रेती चौक, घंटाघर, नखास चौक, बक्शीपुर, अलीनगर, हजारीपुर, जटाशंकर, धर्मशाला पर जो सड़क चौड़ीकरण हो रहा है वे लोग इस पर बस इतना ही खाने आए हैं जो गोरखनाथ मठ की दुकानें तोड़ी गई हैं, तो जिस रेट पर मुआवजा स्वयं मुख्यमंत्री जी ने सरकार से लिया है, उसी रेट पर मुआवजा व्यापारियों को दिया जाए. 10 हजार और 20 हजार मुआवजा देकर तोड़ना चाहते हैं.
 ये सीधे सरेआम गुंडई है- नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव
उन्होंने कहा विधायक और मेयर रास्ता रोक रहे हैं. ये सीधे सरेआम गुंडई है. वे लोग सूचना देकर व्यापारियों से बात करने आए हैं. मुआवजा की बात मुख्यमंत्री जी से करना चाहते हैं. उन्हें ये संदेश देना चाहते हैं, मुख्यमंत्री जिस रेट का मुआवजा लिए हैं, उसी रेट का मुआवजा व्यापारियों को भी दे दें.
यूपी के 75 जनपदों में विकास की एक धारा बही है
इस पूरे प्रकरण पर बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि 2017 के पहले इस गोरखपुर को आप सभी लोग देखे हैं गोरखपुर मच्छर और माफिया के नाम से प्रसिद्ध था और यहां कोई आना नहीं चाहता था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में विकास की एक धारा बही है. यहां गोरखपुर की बात करें तो 2017 के पहले गोरखपुर क्या था? इसी जहां सर्किट हाउस की तरफ 5-6 बजे के बाद कोई आना पसंद नहीं करता था. विरासत गलियारा बनने से लोगों को आराम जान को सुविधा प्राप्त हो. समाजवादी पार्टी को विकास से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए विकास अवरुद्ध हो, इसके लिए वह अपना डेलिगेशन भेज रहे हैं. वे अपनी जमीन तलाशने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन गोरखपुर की जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानती है. उनके विकास को जानती है.
सपा अपनी नेतागिरी करने के लिए धरातल तलाश रही है
बीजेपी नेता ने कहा गोरखपुर से उनके असीम प्रेम को जानती है. इससे कुछ होने वाला नहीं है. वे लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए आए हैं. यहां उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है. वह खाली हाथ जाने वाले हैं. वे लोगों को गुमराह करने आ रहे हैं. उन्हें लगता है गोरखपुर की जनता मुख्यमंत्री के साथ है और वह विकास के मॉडल को स्वीकार कर उनके साथ खड़ी भी है. जब सपा की सरकार थी, तब भी गोरखपुर की जनता बीजेपी के साथ थी. गोरखपुर आज जितने भी महानगर हैं, उनमें प्रथम श्रेणी में खड़ा है और गोरखपुर का विकास हुआ है. जो लोग गोरखपुर छोड़कर चले गए थे, वह अन्य जनपदों से आकर यहां बसने के लिए तैयार हैं. यहां का सम्मान भी बढ़ा है. सपा अपनी नेतागिरी करने के लिए धरातल तलाश रही है. उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है, वे खाली हाथ यहां से जाएंगे.

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