ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर की जलापूर्ति और सीवर व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चल रही वन सिटी वन ऑपरेटर परियोजना अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में इस परियोजना की डीपीआर तैयार कर रही एजेंसी ने अंतरिम रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण दिया. एसीईओ ने निर्देश दिए कि फाइनल डीपीआर सितंबर मध्य तक तैयार कर ली जाए.बैठक में जल और सीवर मास्टर प्लान 2041 का भी विस्तृत प्रस्तुतीकरण हुआ. एसीईओ प्रेरणा सिंह ने अधिकारियों को इस पर तेजी से कार्य करते हुए तय समयसीमा में रिपोर्ट पूरी करने के निर्देश दिए. इस मास्टर प्लान के तहत शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जलापूर्ति और सीवर नेटवर्क के दीर्घकालिक समाधान पर फोकस किया जाएगा.
एक ही एजेंसी संभालेगी जिम्मेदारी
वहीं सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देशानुसार, वन सिटी वन ऑपरेटर के तहत एक ही एजेंसी जलापूर्ति से लेकर रखरखाव तक की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी. इसका उद्देश्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ाना, जल की बर्बादी रोकना और शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करना है. एसीईओ प्रेरणा सिंह लगातार इस परियोजना की समीक्षा कर रही हैं और आवश्यक बदलाव समय-समय पर सुझा रही हैं.
10% स्मार्ट वाटर मीटर लगेंगे
बैठक में स्मार्ट वाटर मीटर परियोजना पर भी चर्चा हुई. पहले चरण में 10% कनेक्शनों पर मीटर लगाए जाएंगे, जिससे जल उपभोग का सही आंकलन हो सकेगा और पानी की बर्बादी पर रोक लगेगी. एसीईओ ने जल की गुणवत्ता की नियमित जांच और सप्लाई चेकलिस्ट के पालन पर भी जोर दिया.सीवर विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान किया जाए.बैठक में ओएसडी अभिषेक पाठक, सलाहकार समाकांत श्रीवास्तव, महाप्रबंधक एके सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम, एपी वर्मा, विनोद कुमार शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, मनोज सचान, प्रभात शंकर और प्रबंधक लव शंकर भारती समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे. इस कदम से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में ग्रेटर नोएडा की जल और सीवर व्यवस्था अधिक संगठित, पारदर्शी और आधुनिक होगी.
ग्रेटर नोएडा की पानी और सीवर व्यवस्था में बड़ा बदलाव, ‘वन सिटी वन ऑपरेटर’ परियोजना अंतिम चरण में
5