ग्रेटर नोएडा शहर को स्वच्छ और आधुनिक बनाने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ी पहल की है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में घर-घर कूड़ा उठाने और मशीनों के माध्यम से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आगामी पांच वर्षों में 252.49 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इस योजना के अंतर्गत सफाई कार्यों के लिए एक विशेषज्ञ कंपनी की तलाश की जा रही है, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी तेजी से बढ़ रही है. जगह-जगह ऊंची इमारतें खड़ी हो रही हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है. सेक्टरों, सड़कों और गलियों में नियमित रूप से झाड़ू तक नहीं लगती, जिससे नागरिकों को बदबू और गंदगी का सामना करना पड़ता है. कचरे के उचित निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई लोग सड़क किनारे ही कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं.
एक ही एजेंसी करेगी मैनुअल और मशीन से सफाई
गौरतलब है कि इस समस्या से निपटने के लिए प्राधिकरण ने एकीकृत सफाई योजना बनाई है. अब एक ही एजेंसी को मशीन और मैनुअल दोनों तरीकों से सफाई करने, घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने, पत्तियां और मलबा उठाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. इससे एजेंसियों के बीच जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति खत्म होगी और प्रशासन को भी कार्रवाई करने में आसानी होगी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन.जी. रवि कुमार ने जानकारी दी कि सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया तेजी से चल रही है. कुछ कंपनियों का प्रेजेंटेशन काफी प्रभावशाली रहा है और उनमें से एक का चयन जल्द किया जाएगा.
252.49 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना
वरिष्ठ प्रबंधक सन्नी यादव ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए 252.49 करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना अब क्रियान्वयन के करीब है. सफाई एजेंसी न केवल घरों से कूड़ा एकत्र करेगी, बल्कि उसे कूड़ा निस्तारण केंद्र तक भी पहुंचाएगी.
गौरतलब है कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज में कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी बिल्डर प्रबंधन की होती है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्रों में बेहतर सफाई व्यवस्था लागू होने से सम्पूर्ण क्षेत्र में स्वच्छता का स्तर बढ़ेगा. यह परियोजना ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ और आदर्श नगरी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है.
ग्रेटर नोएडा को मिलेगा हाईटेक सफाई सिस्टम, घर-घर उठेगा कूड़ा, 252 करोड़ की योजना तैयार
1