करनाल जिले के घरौंडा क्षेत्र में विकास और नियोजन को लेकर बड़ा प्रशासनिक निर्णय सामने आया है। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने खंड के अंतर्गत आने वाले 22 गांवों को अतिरिक्त नियंत्रित क्षेत्र- IV (ए.सी.ए.-IV) के अंतर्गत अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना हरियाणा सरकार द्वारा बीती 6 जून को जारी की अधिसूचना के तहत की गई है। इस निर्णय के बाद इन गांवों को अब घरौंडा विकास योजना का हिस्सा माना जाएगा। यहां कोई भी नया निर्माण या विकास कार्य बिना पूर्व अनुमति के नहीं हो सकेगा। बिना अनुमति कार्य करने पर कार्रवाई जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) सतीश कुमार ने बताया कि अधिसूचित किए गए इन 22 गांवों की राजस्व सीमाओं में आने वाली जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य से पहले नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग, करनाल से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके तहत अब इन गांवों में सीएलयू की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई निर्माण कार्य, भवन निर्माण या व्यवसायिक/औद्योगिक विकास नहीं किया जा सकेगा। डीटीपी कार्यालय या वेबसाइट से मिलेगी जानकारी सतीश कुमार ने बताया कि इच्छुक नागरिक या प्रॉपर्टी मालिक खसरा नंबर के अनुसार अपनी भूमि की स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला नगर योजनाकार कार्यालय करनाल से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा TCP विभाग की वेबसाइट http://www.tcpharyana.gov.in पर भी सभी संबंधित नियम, अधिसूचना और प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। ये 22 गांव घरौंडा विकास योजना का हिस्सा नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जिन 22 गांवों को अतिरिक्त नियंत्रित क्षेत्र-IV में अधिसूचित किया गया है। इनमें घरौंडा (हदबस्त संख्या 27), ज्ञानपुरा (11), कालरम (11), मुबारकाबाद (10), फैजलीपुर माजरा (14), चौरा (13), बसी अकबरपुर (16), मलकपुर गड़ियान (20), अरायपुरा (12), पनौरी (21), जमालपुर (22), जरौली (23), डिंगर माजरा (24), कैमला (25), गढ़ी मुल्तान (26), कोहंड (30), अलीपुर खालसा (36), हरसिंहपुरा (37), कलहेड़ी (41), बरड़त (42), फरीदपुर (39) और पुंडरी (40) गांव शामिल हैं। इन गांवों की राजस्व सीमाओं में किसी भी तरह के निर्माण कार्य से पहले नगर योजनाकार करनाल से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। नियंत्रित विकास के लिए उठाया कदम सरकार का यह कदम घरौंडा क्षेत्र में योजनाबद्ध और नियंत्रित विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। यह प्रावधान भविष्य में अव्यवस्थित निर्माण, अवैध कालोनियों और भूमि के बेकाबू उपयोग को रोकने में मदद करेगा। साथ ही इससे क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की बेहतर योजना और शहरी ढांचे का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा। नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई डीटीपी ने स्पष्ट किया कि कोई नागरिक बिना अनुमति के निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सभी नियमों की जानकारी लेना और विभाग से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। अंत में नगर योजनाकार ने क्षेत्रवासियों से अपील की, कि वे विभाग के साथ सहयोग करें और नियमानुसार ही किसी भी विकास गतिविधि को शुरू करें, ताकि क्षेत्र का समुचित और टिकाऊ विकास सुनिश्चित किया जा सके।
घरौंडा के 22 गांव अतिरिक्त नियंत्रित क्षेत्र में शामिल:विकास योजना का बने हिस्सा, निर्माण के लिए अनुमति जरूरी
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