चंडीगढ़ में 1.01 करोड़ डिजिटल अरेस्ट स्कैम करने वाले 10 आरोपियों को साइबर सेल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 6 सिम बॉक्स, 400 सिम कार्ड, लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इस स्कैम में फर्जी पहचान बनाकर लोगों को धोखा दिया गया। इसके लिए ऑनलाइन तरीके से उन्हें डराया गया। इसके अलावा विदेशों से कॉल करने के लिए अवैध तरीके से सिम बॉक्स का इस्तेमाल किया गया और लोगों से ठगी की रकम ऑनलाइन तरीके से दूसरे देशों में भेजी गई। आरोपियों की मिलीभगत से यह साइबर फ्रॉड नेटवर्क न केवल भारत में सैकड़ों लोगों को निशाना बना रहा था बल्कि हर महीने देश को लगभग ₹1,000 करोड़ का नुकसान भी पहुंचा रहा था। आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका डीएसपी वेंकटेश और साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर एरम रिजवी की रही है। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस 2023 की धारा 308(2), 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) के तहत एफआईआर दर्ज है। खुद को बताया सीबीआई अधिकारी पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-33-डी की निवासी मंजीत कौर ने बताया था कि 11 जुलाई 2025 को मोबाइल नंबर 7626808695 से एक वॉयस कॉल और बाद में 8414020165 से वॉट्सऐप वीडियो कॉल आया। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी ‘सुनील’ बताकर पेश किया और दावा किया कि उनके आधार कार्ड से खोले गए मोबाइल नंबर और आईसीआईसीआई बैंक खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। फर्जी दस्तावेज और पासबुक भेजकर उन्हें डरा-धमकाकर ₹1,01,65,094 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। ये 10 आरोपी: मेरठ निवासी परवेज चौहान, अमृतसर निवासी शुभम मेहरा उर्फ सनी, मेरठ निवासी सुहैल अख्तर, लुधियाना निवासी कृष्णा शाह और विजय कुमार शाह, आकाश कुमार, अजीत कुमार, विपिन कुमार, सरोज कुमार और अभिषेक कुमार। आरोपी परवेज चौहान से: 1 सिम बॉक्स, ब्रॉडबैंड राउटर, 70-80 सिम कार्ड, 3 मोबाइल फोन।आरोपी शुभम मेहरा से: 6 डिनस्टार सिम बॉक्स, लगभग 400 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 2 मोडेम, 1 राउटर।अन्य आरोपियों के पर्सनल मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। लुधियाना से एक्टिवेट हुआ फर्जी कॉल नंबर एसपी गीतांजलि खंडेलवाल ने बताया कि पीड़िता को कॉल करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर 7626808695 लुधियाना, पंजाब से एक्टिवेट किया गया था। इस नंबर से जुड़ी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और कस्टमर रिक्विजिशन फॉर्म (CAF) के विश्लेषण में सामने आया कि इस एक ही आईएमआई नंबर से करीब 180 सिम कार्ड एक्टिवेट किए गए थे, जो टेलिकॉम सिस्टम के बड़े स्तर पर दुरुपयोग को दर्शाता है। वॉट्सऐप वीडियो कॉल के लिए इस्तेमाल किया गया नंबर 8414020165 मिजोरम से एक्टिवेट किया गया था। इस नंबर से पीड़िता को फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल किया गया था, जिसमें फर्जी दस्तावेज और सरकारी मुहरें दिखाकर विश्वास में लिया गया। टावर लोकेशन और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर मेरठ में 24 जुलाई को छापेमारी की गई, जिसमें परवेज चौहान (33 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में परवेज ने खुलासा किया कि वह सिम बॉक्स चलाता था और विदेशों से जुड़े लोगों के लिए कॉल रूटिंग करता था। उसने यह भी बताया कि उसे इसके लिए क्रिप्टो करेंसी (USDT) में पेमेंट मिलती थी। 27 जुलाई को लुधियाना में की गई कार्रवाई के दौरान विजय कुमार शाह (22 वर्ष) को पकड़ा गया। जांच में पता चला कि विजय की POS ID का उपयोग करके एक ही ग्राहक के KYC पर अलग-अलग टेलिकॉम कंपनियों के सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए गए। इन सिम कार्डों को बाद में साइबर अपराध में इस्तेमाल किया गया। 29 जुलाई को अमृतसर में छापेमारी कर शुभम मेहरा उर्फ सनी (25 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। मौके से 6 डिनस्टार कंपनी के सिम बॉक्स, लगभग 400 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 2 मोडेम और 1 राउटर बरामद किए गए। शुभम ने बताया कि उसने फेसबुक पर वर्क-फ्रॉम-होम जॉब के विज्ञापन के माध्यम से संपर्क किया था और बाद में उसे टेलीग्राम के जरिए विदेशी हेंडलर्स द्वारा सिम बॉक्स ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी।
चंडीगढ़ डिजिटल अरेस्ट स्कैम के 10 आरोपी गिरफ्तार:1.01 करोड़ की ठगी, कंबोडिया से हो रहा ऑपरेट ट्रांसलेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क
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