चंडीगढ़ की ड्रग्स पैडलर सेक्टर 38ए की बाला और 45सी का दीपक मित्तल उर्फ विक्की को चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने PITNDPS लगाकर गिरफ्तार किया था और इन दोनों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजने की तैयारी कर रही थी लेकिन चंडीगढ़ पुलिस की ओर से जो केस फाइल तैयार की गई थी उस पर ही सवाल खड़े हो गए और हाईकोर्ट के 3 रिटायर्ड जज की एडवाइजरी कमेटी ने बाला और दीपक को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजने से इनकार कर दिया और अपनी रिपोर्ट बनाकर केंद्र को भेज दी। बताते दें PITNDPS (PITNDPS) एक्ट एक ऐसा कानून है जिसके तहत किसी व्यक्ति को बिना ट्रायल के भी हिरासत में रखा जा सकता है, यदि वह ड्रग्स की तस्करी या उससे जुड़े नेटवर्क को बढ़ावा देने में लगातार लिप्त हो। नहीं चली पुलिस की दलील बाला के वकील करण सचदेवा ने बताया कि जिस समय पुलिस ने बाला और दीपक पर PITNDPS के तहत गिरफ्तार किया, उन्होंने उसी समय एक एप्लीकेशन केंद्र सरकार को दी थी, जिसमें बताया गया था कि बाला और दीपक को पुलिस ने बिना कसूर के गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ नई कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।जिसके बाद इस मामले में हाईकोर्ट के 3 रिटायर्ड जज, जिसमें एसएस मैदान, शेखर धवन और कुलदीप सिंह शामिल थे, की एडवाइजरी कमेटी बनाई गई और उस दौरान उन्होंने पुलिस से भी काफी सवाल किए, जिसका जवाब चंडीगढ़ पुलिस की ओर से भी दिया गया, लेकिन उन सवालों से एडवाइजरी कमेटी संतुष्ट नहीं हुई और एडवाइजरी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेज दी, जिसमें बाला और दीपक को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजने से इनकार कर दिया गया, जिसके बाद दोनों को पुलिस को जेल से छोड़ना पड़ा। क्राइम ब्रांच ने लूटी थी वाहवाही बताते दें क्राइम ब्रांच ने बाकायदा मीडिया में प्रेस नोट जारी किया था और बताया था कि चंडीगढ़ पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने दो कुख्यात ड्रग तस्करों – बाला और दीपक मित्तल उर्फ विक्की – को PITNDPS (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) एक्ट के तहत हिरासत में लेकर असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई 2 मई को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग (PITNDPS यूनिट) से मिली मंजूरी के बाद की गई। इसका उद्देश्य इन अपराधियों के शहर में फैले स्थानीय नशा नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है। 36 से अधिक केस दर्ज पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 60 वर्षीय बाला, सेक्टर 38-ए की रहने वाली है और एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ 36 से अधिक केस दर्ज हैं, जिनमें से 10 केस NDPS एक्ट के तहत हैं। बाला अपने घर से ही नाबालिग बच्चों और मोहल्ले के लोगों को ड्रग्स की डिलीवरी बॉय की तरह इस्तेमाल करती थी। साल 2015 में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से नशे का धंधा शुरू कर दिया। पुलिस के अनुसार, वह शहर में नशे का एक बड़ा नाम बन चुकी थी और कई बार पकड़े जाने के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आई।दीपक मित्तल उर्फ विक्की, सेक्टर 45-सी का रहने वाला है और हेरोइन तस्करी के कई मामलों में आरोपी है। उस पर पहले भी कई बार केस दर्ज हो चुके हैं और वह नशे की जड़ तक फैले नेटवर्क का हिस्सा माना जाता है। पुलिस के अनुसार, विक्की की वजह से कई युवा नशे की गिरफ्त में आए।
चंडीगढ़ ड्रग्स पैडलर, डिब्रूगढ़ भेजने से एडवाइजरी कमेटी का इनकार:हाईकोर्ट के 3 रिटायर्ड जज ने भेजी केंद्र को रिपोर्ट, PITNDPS लगाकर किया था गिरफ्तार
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