चंडीगढ़ देश के उन चुनिंदा 152 शहरों में शामिल हुआ है, जहां भारत सरकार का नक्षा प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह प्रोजेक्ट जमीन से जुड़े रिकॉर्ड को डिजिटली बनाने के लिए शुरू किया गया है। नक्षा का पूरा नाम है – नेशनल जियोस्पेशल नॉलेज-बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हैबिटेशन्स। इसे भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के तहत शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए डीसी चंडीगढ़ निशांत यादव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ ही एक स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (SPMU) बनाई गई है और 20 फील्ड सर्वे टीमें सर्वे के लिए काम पर लगाई गई हैं। इस योजना का मकसद है – शहरी इलाकों की जमीनों का पूरा डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना, जमीनों की पैमाइश नई तकनीक से करना, संपत्ति विवादों को खत्म करना, रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा देना है। देखिए यहां पर होगा सर्वे चंडीगढ़ में इस प्रोजेक्ट के तहत 5 गांव और सेक्टर-2 से लेकर सेक्टर-17 (सेक्टर 13 को छोड़कर) तक सर्वे होगा। जिन गांवों में यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, उनके नाम हैं – सारंगपुर, बुड़ैल, कजहेड़ी, पलसोरा और अटावा। कुल मिलाकर 30.61 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और करीब 1.47 लाख की आबादी इस दायरे में शामिल है। इस काम में ड्रोन से ली गई तस्वीरें, मैदानी सर्वे, और GIS (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जमीनों की लोकेशन, सीमा और मालिकाना हक की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में रिकॉर्ड की जाएगी। शहरों में तेजी से बढ़ते विकास, जमीन के बढ़ते दाम, आए दिन होने वाले जमीन विवाद, प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में परेशानी, और लोन लेने में आ रही दिक्कतों की वजह से जमीनों का सही और पारदर्शी रिकॉर्ड रखना बेहद जरूरी हो गया है। ये होगा फायदा जमीन से जुड़े विवाद कम होंगे घर या जमीन खरीदना-बेचना आसान होगा नगर निगम को टैक्स कलेक्शन में मदद मिलेगी सरकार की योजनाएं बेहतर तरीके से लागू होंगी बैंक से लोन लेना आसान होगा जनता का सरकारी व्यवस्था में भरोसा बढ़ेगा भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा रुकेगा
चंडीगढ़ देश के चुनिंदा 152 शहरों में शामिल:बना नक्षा प्रोजेक्ट का हिस्सा रिकॉर्ड होंगे डिजिटल, रुकेगा भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा
7