चंडीगढ़ निगम के खिलाफ CSCL प्रशासक को लिखी चिट्‌ठी:कहा- नहर से पानी की सप्लाई घटा रहा निगम, 24×7 जलापूर्ति परियोजना खतरे में

by Carbonmedia
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चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड (CSCL) की ओर से मनिमाजरा में 24×7 जलापूर्ति परियोजना को संभाल रही SBE इन्फ्रास्ट्रक्चर CSCL प्राइवेट लिमिटेड ने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने नहर के माध्यम से मिलने वाली पानी की आपूर्ति में कटौती कर दी है। कंपनी ने इस मुद्दे को लेकर चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को पत्र लिखकर नगर निगम को निर्देश देने की मांग की है, ताकि परियोजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके। इस परियोजना का उद्घाटन अगस्त 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किया गया था। 7 से 8 एमजीडी पानी चाहिए कंपनी ने बताया कि दिसंबर 2024 में उन्हें औसतन 5.06 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) पानी की सप्लाई मिली थी, लेकिन अप्रैल और मई 2025 में यह घटकर केवल 4.4 एमजीडी रह गई है। जबकि परियोजना के डिज़ाइन और गणनाओं के अनुसार, मनिमाजरा को कम से कम 7 से 8 एमजीडी पानी की जरूरत है, तभी इलाके में 24 घंटे पानी की सुचारू आपूर्ति संभव हो सकेगी। कंपनी ने अपने पत्र में यह भी बताया कि शास्त्री नगर, जो इस परियोजना के दायरे से बाहर है, वहां से करीब 0.5 से 0.6 एमजीडी पानी मनिमाजरा सिस्टम से अवैध रूप से खींचा जा रहा है। इससे पंपिंग क्षमता पर असर पड़ रहा है और प्रेशर बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। 80 लगे अवैध कनेक्शन कंपनी ने कहा कि मनिमाजरा की बैंक कॉलोनी में लगभग 50 घरों में और जोन 3 (इंदिरा कॉलोनी) की झुग्गियों में 70 से 80 घरों में पानी की अवैध कनेक्शन से सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा पैरेलल कनेक्शन के कई मामले भी सामने आए हैं। कंपनी ने इन सभी मामलों की जानकारी और सबूत संबंधित विभागों को सौंपे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उद्धघाटन कंपनी ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना के सभी कार्यों को पूरा करने के बावजूद विभाग की ओर से समय पर भुगतान नहीं किया गया है, जिससे कंपनी को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और कार्यों की गति प्रभावित हो रही है। कंपनी ने बताया कि दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक मनिमाजरा के सभी चिह्नित क्षेत्रों में औसतन 16 से 18 घंटे तक प्रेशर के साथ पानी की सप्लाई दी जा रही थी। परियोजना के तहत 2 अंडरग्राउंड जलाशय (प्रत्येक 2 एमजीडी क्षमता) बनाए गए हैं, और 13,700 पुराने जल मीटरों को स्मार्ट अल्ट्रासोनिक मीटरों से बदला गया है, ताकि स्मार्ट बिलिंग व्यवस्था लागू की जा सके।

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