चंडीगढ़ के मनीमाजरा में शुरू की गई 24×7 जलापूर्ति परियोजना, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था और जिसकी लागत 75 करोड़ बताई गई थी, उसकी जांच चंडीगढ़ विजिलेंस द्वारा शुरू कर दी गई है। मगर जांच के दौरान विजिलेंस ने नगर निगम चंडीगढ़ से 24×7 जलापूर्ति परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे थे, लेकिन अभी तक निगम की ओर से विजिलेंस को सभी दस्तावेज मुहैया नहीं करवाए गए हैं, जिसके बाद विजिलेंस ने नगर निगम से कहा कि जल्द 24×7 जलापूर्ति परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज भेजे। मनीमाजरा में 24×7 जलापूर्ति परियोजना मामले में चंडीगढ़ मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर और यूटी विजिलेंस विभाग को नोटिस जारी कर 31 जुलाई तक जवाब मांगा है। इसके साथ नगर निगम के एक्सईएन को भी 31 जुलाई को आयोग के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। भेज दिए आधे दस्तावेज 24×7 जलापूर्ति परियोजना की जांच के लिए विजिलेंस को केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है, जिसके चलते विजिलेंस ने भी बिना समय गवाए जांच तेजी से शुरू कर दी है। उसी के चलते विजिलेंस ने नगर निगम से 24×7 जलापूर्ति परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज लेने के लिए लिखा था, मगर अभी तक नगर निगम की ओर से आधे दस्तावेज ही भेजे गए हैं। जिसके बाद फिर से विजिलेंस ने नगर निगम को लिखकर भेजा है कि जल्द 24×7 जलापूर्ति परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेज भेजे जाएं, ताकि वह अपनी जांच पूरी कर सके। इस पूरे केस में क्या हो रहा है, उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी जा रही है। पूर्व कमिश्नर से भी हो सकती है पूछताछ विजिलेंस टीम यह पता लगा रही है कि इस प्रोजेक्ट को नगर निगम का कौन अधिकारी देख रहा था और 75 करोड़ की लागत किन-किन चीजों पर खर्च की गई, साथ ही वह सामान कहां से खरीदा गया। उद्घाटन के समय चंडीगढ़ नगर निगम की कमिश्नर आनंदिता मित्रा थीं और वर्तमान में अमित कुमार निगम कमिश्नर हैं। जांच के दौरान विजिलेंस विभाग आनंदिता मित्रा से भी पूछताछ कर सकता है। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा। बीजेपी अध्यक्ष ने दी थी केंद्र को शिकायत चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मनीमाजरा में 4 अगस्त 2024 को 24×7 जलापूर्ति परियोजना का उद्घाटन किया गया, लेकिन आज तक वहां एक दिन भी पानी नहीं आया है। लोगों के घरों में गंदा पानी आ रहा है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। मल्होत्रा ने लिखा था कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए, ताकि लोगों को पानी की दिक्कत न हो। इसी शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने मामला संज्ञान में लिया और इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग को सौंप दिया। परियोजना का उद्देश्य 75 करोड़ की लागत से बनी यह परियोजना मनीमाजरा के एक लाख से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। इसमें मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, शिवालिक एन्क्लेव, इंदिरा कॉलोनी और शास्त्री नगर के इलाके शामिल हैं। यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य लगातार और उच्च दबाव वाली जल आपूर्ति देना है, ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। इसके तहत रिसाव में कमी, स्मार्ट मीटरिंग, भूजल पर निर्भरता घटाना और ऊर्जा की खपत की निगरानी जैसे काम किए जाने हैं। इसके लिए कुल 22 किलोमीटर लंबी जल पाइपलाइन बिछाई गई है और दो भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता दो-दो मिलियन गैलन प्रतिदिन है। वहीं चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष विजयपाल सिंह भी प्रशासक गुलाबचंद कटारिया से मिलकर आए थे और उन्हें इस मामले की सीबीआई जांच के लिए ज्ञापन सौंपा था।
चंडीगढ़ निगम ने विजिलेंस को अधूरे दस्तावेज भेजे:24×7 जलापूर्ति प्रोजेक्ट के मांगे थे दस्तावेज,अमित शाह ने किया था उद्घाटन, 75 करोड़ हुए खर्च
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