चंडीगढ़ निगम हाउस मीटिंग आज गारबेज प्लांट पर होगा हंगामा:मेयर को घेरेगी विपक्ष, गोशालाओं का नया संचालन, फाउंटेन में पीपीपी मोड का मुद्दा उठेगा

by Carbonmedia
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​​​​​​​​​​​​​​ चंडीगढ़ सेक्टर-25 वेस्ट में चल रहे गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट की खस्ताहालत को लेकर आज मंगलवार को नगर निगम की सदन बैठक में बड़ा मुद्दा उठने जा रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षद इस मामले को सदन में उठाएंगे और प्लांट की देखरेख कर रही कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग कर सकते हैं। यह वही प्लांट है, जिसकी दुर्दशा को लेकर पहले ही ‘दैनिक भास्कर’ ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद निगम आयुक्त ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन संयुक्त आयुक्त ने अब तक जांच शुरू नहीं की है। निरीक्षण में मिले गंभीर खामियां पिछले शुक्रवार को सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और पार्षद प्रेम लता ने प्लांट का दौरा किया था। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि महीनों से कपड़ों के ढेर वैसे के वैसे पड़े हैं। कपड़ों को काटने के लिए एमसी की ओर से लगाई गई ‘क्लॉथ शेरे डर’ मशीन पिछले एक साल से खराब है। साथ ही ‘प्राइमरी शेरेडर’ के साथ लगा ड्रायर और कंप्रेसर भी बंद पड़ा है। यहां तक कि ब्लेंडर को प्लांट से हटाकर बाहर रख दिया गया है। बालिस्टिक सेपरेटर की चार में से दो शॉफ्ट हटाई जा चुकी हैं, जिसके चलते रिसाइकिल होने वाला कचरा भी इनर्ट में मिलकर सीधे लैंडफिल साइट पर जा रहा है। कन्वेयर बेल्ट भी काटकर रखा गया है, जिससे वेस्ट सीधे जमीन पर गिर रहा है। निगम भर रहा बिल, कंपनी कमा रही यह प्लांट चलाने वाली कंपनी को नगर निगम हर महीने 33 लाख रुपए ‘ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस’ के लिए दे रहा है, जबकि बिजली और पानी का बिल भी निगम ही भर रहा है। वहीं प्लांट से निकलने वाले आरडीएफ (RDF) को बेचकर कमाई भी कंपनी कर रही है। नगर निगम ने सेक्टर-25 वेस्ट, सेक्टर-45, मलोया और रामपुरकलां की गोशालाओं के संचालन और मेंटेनेंस के लिए तीन एनजीओ को फाइनल किया है। आज हाउस मीटिंग में इनका एजेंडा अनुमोदन के लिए लाया जा रहा है। सेक्टर-25 की गोशाला: प्रार्थना फाउंडेशन ट्रस्ट को सौंपी जाएगी (नि:शुल्क सेवा)। सेक्टर-45 की गोशाला: गौरी शंकर सेवा दल पहले से कर रहा संचालन, आगे भी जारी रहेगा (नि:शुल्क सेवा)। मलोया गोशाला: गऊ ग्रास सेवा संगठन को सौंपा जाएगा। नगर निगम को हर पशु पर रोजाना 50 रुपये और सालाना कुल 1.09 करोड़ रुपये देने होंगे। पार्कों के 52 फाउंटेन पीपीपी मोड पर होंगे संचालित नगर निगम शहर के 22 पार्कों और ग्रीन बेल्ट्स में लगे 52 फाउंटेन को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर चलाने की योजना ला रहा है। इसके तहत कंपनियों को पार्क में फिक्स साइज का होर्डिंग लगाने और अपना बोर्ड डिस्प्ले करने की इजाजत होगी। निगम का दावा है कि इससे हर साल करोड़ों रुपये की बचत होगी। फिलहाल यह प्रस्ताव आज की सदन बैठक में एजेंडा के तौर पर लाया जाएगा और मंजूरी के बाद आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी की जाएगी। निगम में उठेंगे ये प्रमुख मुद्दे: गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट की खस्ताहालत गोशालाओं का संचालन एनजीओ को सौंपना फाउंटेन की देखरेख पीपीपी मोड से कराना

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