पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में आरक्षण नीति को सही ढंग से लागू न करने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा है कि अब 7 दिन के अंदर जवाब दें, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (ASA) ने शिकायत की थी कि पीयू प्रशासन ने सीनेट और सिंडिकेट जैसी यूनिवर्सिटी की बड़ी कमेटियों में अनुसूचित जाति के लोगों को तय आरक्षित सीटें नहीं दी हैं। यह भारत सरकार की आरक्षण नीति का सीधा उल्लंघन है। पहले भी मिला था नोटिस, अब आखिरी मौका यह शिकायत 20 अक्टूबर 2024 को आयोग के पास गई थी। इसके बाद आयोग ने 6 फरवरी 2025 को यूनिवर्सिटी को पहला नोटिस भेजा था और 15 दिन में जवाब मांगा था। लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। अब आयोग ने 23 मई 2025 को आखिरी चेतावनी दी है और कहा है कि 7 दिन में जवाब दो वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये है ASA की मांगें पीयू की सभी कमेटियों में आरक्षित सीटों पर तुरंत नियुक्तियां की जाएं। यूनिवर्सिटी माफी मांगे और लिखकर दे कि आगे से नीति का पालन होगा। अगर 7 दिन में जवाब नहीं आया तो आयोग कानून के तहत कार्रवाई करेगा। ASA ने कहा है कि वह सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा।
चंडीगढ़ पीयू में आरक्षण नीति तोड़ने पर आयोग सख्त:7 दिन में जवाब देने का निर्देश, पहले भी मिला नोटिस अब आखिरी मौका
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