चंडीगढ़ पुलिस के सस्पेंड इंस्पेक्टर जसमिंदर सिंह, हैड कांस्टेबल सतीश कुमार और सीनियर कांस्टेबल समुंदर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्राइम ब्रांच ने इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ करप्शन और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत चार्जशीट जिला अदालत में दाखिल कर दी है। दाखिल चार्जशीट में उत्तर प्रदेश के बागपत में हुई 6 करोड़ रुपए की एटीएम कैश वैन लूट के मामले में इन पुलिसकर्मियों ने मुख्य आरोपियों को बचाने के लिए साजिश रचने का आरोप है।। इसी साजिश के तहत यू.पी. के शामली के गांव लिसाढ़ निवासी रॉकी और बागपत के गांव आरिफपुर निवासी गौरव को हथियारों समेत गिरफ्तार दिखाया गया, जबकि असल में वे लूटकांड में शामिल थे। बागपत जेल से अब चंडीगढ़ जेल में इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले जसमिंदर सिंह, सतीश कुमार, समुंदर, गौरव और रॉकी को प्रोडक्शन वारंट पर बागपत ले जाकर पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया था। 2 दिन पहले तीनों पुलिस कर्मियों को बागपत जेल से वापस चंडीगढ़ लाकर बुड़ैल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार जसमिंदर सिंह ने बागपत की अदालत में जमानत अर्जी भी लगाई थी, लेकिन एक अन्य आरोपी की जमानत खारिज होने पर उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली। थाना 39 में दर्ज है मामला डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल (डीसीसी) की शिकायत पर थाना-39 में एफआईआर नंबर 45, दिनांक 21 मार्च 2025 को दर्ज की गई थी। इसमें आर्म्स एक्ट की धाराएं 25, 54, 59 भी जोड़ी गईं। शिकायत में बताया गया कि गश्त कर रही पुलिस टीम ने सेक्टर-56 ए/बी रोड स्थित खुले मैदान से रॉकी और गौरव को हथियारों के साथ पकड़ा। आरोप था कि उनके 2 साथी मौके से छोड़ दिए गए थे, जिन्हें बाद में यूपी पुलिस ने राजस्थान से पकड़ा। यह पूरा घटनाक्रम फर्जी तरीके से दिखाया गया था, ताकि असल आरोपियों को बचाया जा सके। डीजीपी को भी दी शिकायत उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने इस मामले की शिकायत चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी सुरेंद्र यादव से की थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की। जांच में सामने आया कि रॉकी और गौरव ही छह करोड़ रुपए की लूट के मास्टरमाइंड थे और उनकी गिरफ्तारी एक तय योजना के तहत हथियारों के साथ दर्शाई गई थी। जब साजिश की भनक अधिकारियों को लगी, तो तत्काल तीनों पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। मिट्टी से निकले 5 करोड़ रुपए लूटकांड की जांच में पुलिस ने रॉकी के खेत में दबाकर रखे पांच करोड़ रुपए बरामद किए। वहीं, आरोपी गौरव के गांव आरिफपुर में भूसे के कमरे में गड्ढा खोदकर नकदी बरामद हुई। आरोपी मनीष की निशानदेही पर डीसीसी कार्यालय के पास से 50 हजार रुपए भी बरामद हुए। रॉकी मलिक के भाई रोबिन उर्फ गुड्डू से भी 63,600 रुपए की नकदी मिली थी।
चंडीगढ़ पुलिस के सस्पेंड इंस्पेक्टर समेत 3 पर चार्जशीट:करप्शन साजिश की धाराएं जोड़ी, एटीएम कैश लूट के आरोपियों को बचाने की साजिश
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