13 साल पहले शुरू और 2017 में ठंडे बस्ते में डाल दिए गए चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट को एक बार फिर से पटरी पर लाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। आज यानी मंगलवार को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्चस्तरीय समिति बैठक कर RITES लिमिटेड द्वारा तैयार की गई “सिनेरियो एनालिसिस रिपोर्ट (SAR)” पर चर्चा करेगी। इस रिपोर्ट में मेट्रो प्रोजेक्ट के हर पहलू की बारीकी से समीक्षा की गई है। यह बैठक चंडीगढ़ प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा नवंबर 2024 में गठित संयुक्त समिति की अगुआई में होगी। समिति पहले ही जनवरी और फरवरी में दो बैठकें कर चुकी है। क्या है RITES की रिपोर्ट में RITES लिमिटेड (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकनॉमिक सर्विस), जो एक सरकारी इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी कंपनी है, ने इस रिपोर्ट में ट्रैफिक डिमांड, ज़ोनल एनालिसिस, हाईवे नेटवर्क, यात्रियों की संख्या, ऑपरेशनल घंटे, ट्रेन संचालन योजना, पावर सप्लाई सिस्टम, निर्माण लागत, आर्थिक और वित्तीय लाभ-हानि आदि का विस्तृत विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित मेट्रो 3 कॉरिडोर में 85.65 किमी लंबी होगी। यदि पूरी तरह एलिवेटेड (Scenario G) रहे तो इसकी लागत ₹23,263 करोड़ आंकी गई है और यदि अंडरग्राउंड हो तो ₹27,680 करोड़। निर्माण सहित 2031 तक इसकी कुल लागत ₹25,631 करोड़ (एलिवेटेड) और ₹30,498 करोड़ (अंडरग्राउंड) अनुमानित है। 30 साल के लिए वित्तीय रिटर्न का भी अनुमान 30 वर्षों की अवधि (5 साल निर्माण + 25 साल संचालन) के लिए फाइनेंशियल इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (FIRR) एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए 5.26% और अंडरग्राउंड के लिए 4% है। रिपोर्ट में किराया संरचना भी बताई गई है जो दिल्ली मेट्रो की दरों के आधार पर है और हर वर्ष 5% वृद्धि की संभावना जताई गई है। RITES से मांगी गई थी ये स्पष्टीकरण मेट्रो प्रोजेक्ट का सफर अब तक
चंडीगढ़ में मेट्रो प्रोजेक्ट पर आज होगी मीटिंग:पंजाब व हरियाणा सरकार लेंगी अंतिम फैसला, 85.65 किमी रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, RITES की रिपोर्ट पर चर्चा
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