चंडीगढ़ में शहीद परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने सिफारिश​​​​​​​:​​​​​​​अग्निवीरों को मिले सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण, डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक

by Carbonmedia
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चंडीगढ़ जिला सैनिक बोर्ड द्बारा प्रशासन से सिफारिश की है कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेसिया राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ किया जाए। इसके साथ ही बोर्ड ने अग्निवीरों को ग्रुप ‘B’ और ‘C’ की सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण देने की मांग भी रखी है। यह सिफारिशें ज़िला सैनिक बोर्ड की बैठक में पारित की गईं, जिसकी अध्यक्षता ज़िला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष और डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव ने की। बैठक में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण से जुड़े अन्य कई प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। बैठक में ब्रिगेडियर बीएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त), उपाध्यक्ष ZSB; स्टेशन मुख्यालय चंडीगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव शर्मा; लेफ्टिनेंट कर्नल आरके सिंह (सेवानिवृत्त); समाजसेवी केके शारदा और ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एचएस घुम्मन (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान निम्नलिखित प्रमुख प्रस्ताव चंडीगढ़ प्रशासन को मंजूरी के लिए भेजे गए— शहीदों के परिवारों को मुआवजा बढ़ाकर ₹1 करोड़ करने की सिफारिश बोर्ड ने सिफारिश की कि डिफेंस आर्म्ड फोर्सेस और पैरामिलिट्री फोर्सेस के उन जवानों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेसिया राशि ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ की जाए, जो ड्यूटी के दौरान शहीद होते हैं। अग्निवीरों को ग्रुप ‘B’ और ‘C’ सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण बोर्ड ने चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन सभी सीधी भर्तियों में अग्निवीरों के लिए अतिरिक्त 10% आरक्षण देने की सिफारिश की। अग्निवीरों की सेवा और देश के प्रति समर्पण को देखते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया। ‘फिजिकल कैजुअल्टी (फैटल)’ मामलों में एक लाख की आर्थिक सहायता योजना लागू करने की मांग ऐसे रक्षा कर्मी जो युद्ध के अलावा किसी अन्य कारण से ड्यूटी के दौरान जान गंवाते हैं, उनके निकट संबंधियों (Next of Kin) को ₹1 लाख की एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू करने की सिफारिश की गई है। सैनिक विश्राम गृह, सेक्टर 21, चंडीगढ़ की मरम्मत जल्द शुरू हो डीसी ने सेक्टर 21 स्थित सैनिक विश्राम गृह की खराब स्थिति पर चिंता जताई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि चीफ इंजीनियर, यूटी चंडीगढ़ से समन्वय कर जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए और स्वीकृत योजना के अनुसार मरम्मत कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए।

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