चंडीगढ़ में 1.56 करोड़ का टेंडर जारी:वी-3 सड़कों की मरम्मत और री-कारपेटिंग का काम होगा, 64.02 लाख रुपए होंगे खर्च

by Carbonmedia
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चंडीगढ़ नगर निगम की जनरल हाउस बैठक में वी-3 (सेक्टर डिवाइडिंग) सड़कों को चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव पास हुए अभी दो हफ्ते भी नहीं हुए थे कि इंजीनियरिंग विभाग ने इनकी मरम्मत और री-कारपेटिंग के लिए 1.56 करोड़ रुपए से ज्यादा का टेंडर जारी कर दिया। इसके साथ ही डीएनआईटी (विस्तृत निविदा आमंत्रण सूचना) की शर्तों में बदलाव किए गए हैं ताकि काम की गुणवत्ता और समय पर पूरा होना सुनिश्चित किया जा सके। 64.02 लाख रुपए होंगे खर्च एक्जुकेटिव इंजीनियर, निर्माण मंडल नंबर-2 की ओर से विज्ञान पथ (जंक्शन 7 से 12), चंडी पथ (जंक्शन 42 से 37) और उद्योग पथ (जंक्शन 29 से 41) की मरम्मत और री-कारपेटिंग के लिए टेंडर जारी किया गया है। इन कामों पर करीब 64.02 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके लिए ठेकेदार को 1.28 लाख रुपए जमानत राशि जमा करनी होगी और काम को दो महीने में पूरा करना अनिवार्य होगा। वहीं हिमालय मार्ग, सुखना पथ और सरोवर पथ की मरम्मत के लिए 92.32 लाख रुपए का अलग टेंडर आर-3 उपमंडल के तहत जारी किया गया है। इसके लिए 1.84 लाख रुपए की जमानत राशि तय की गई है और काम को एक महीने की समय सीमा में पूरा करना होगा। दोनों ही टेंडर टू-बिड सिस्टम पर जारी किए गए हैं। 25 किलोमीटर के दायरे में होना अनिवार्य प्रशासन ने इस बार डिटेल्ड नोटिस इनवायटिंग टेंडर (डीएनआईटी) की शर्तों में बदलाव करते हुए साफ किया है कि पहले बिटुमिनस सामग्री बनाने वाला प्लांट कार्य स्थल से 25 किलोमीटर के दायरे में होना अनिवार्य था, जिसे अब बढ़ाकर 40 किलोमीटर कर दिया गया है। बोली जमा करते समय ठेकेदार को इसका प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। इसके अलावा 50 लाख से ज्यादा लागत वाले प्रोजेक्ट्स के लिए स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण सलाहकार नियुक्त करना जरूरी कर दिया गया है। यह सलाहकार प्रशासन की ओर से पहले से स्वीकृत पैनल से ही नियुक्त किया जाएगा और इसकी मंजूरी एक्जुकेटिव इंजीनियर और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, दोनों से लेनी होगी। बोली प्रक्रिया में पहले चरण में ठेकेदारों को जमानत राशि और पात्रता से जुड़े दस्तावेज जमा करने होंगे। इसके बाद तकनीकी जांच में योग्य पाए गए ठेकेदारों की ही वित्तीय बोली खोली जाएगी। पात्रता शर्तों के तहत प्रशासन में सूचीबद्ध ठेकेदार, सीपीडब्ल्यूडी में पंजीकृत एजेंसियां और अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की पीडब्ल्यूडी की नामी फर्में ही इस काम के लिए बोली लगा सकेंगी।

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