चंडीगढ़ में 8 साल से फाइलों में अटका पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई को जोड़ने वाला अंडरपास अब अंतिम मंजूरी की ओर बढ़ चला है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इसका रिवाइज बजट तैयार कर मंजूरी के लिए भेज दिया है। जैसे ही बजट मंजूरी मिलती है, टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रशासन का लक्ष्य अगले साल जून तक इस अंडरपास का निर्माण पूरा करने का है। पहले इस अंडरपास की लागत 7 करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन वर्षों के इंतजार, डिज़ाइन बदलाव और निर्माण लागत में वृद्धि के चलते अब इसका रिवाइज बजट लगभग दोगुना हो गया है। मार्च में अर्बन प्लानिंग से मंजूरी मांगी इस साल फरवरी में मोहाली की एक कंसलटेंसी कंपनी ने अंडरपास की स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी, इकनॉमिक सर्वे और ड्राइंग रिपोर्ट इंजीनियरिंग विभाग को सौंपी थी। इसके बाद प्रशासन ने मार्च में अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट से औपचारिक मंजूरी मांगी। अब अर्बन प्लानिंग की मंजूरी मिलने के बाद रिवाइज बजट की अप्रूवल का इंतजार है। प्रशासन का प्लान है कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान मिलने वाले समय में पीयू और पीजीआई की तरफ पानी और सीवर की पाइपलाइनों को शिफ्ट कर दिया जाए ताकि काम में कोई रुकावट न आए। इसके बाद चयनित कंपनी को 9 महीने में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। 20 दुकानें 12 को मंजूरी अंडरपास की आर्किटेक्चरल डिजाइन के अनुसार, यह 14 मीटर चौड़ा होगा और इसके अंदर 12 दुकानें बनाई जाएंगी। पहले यहां 20 दुकानें बनाने का प्लान था लेकिन चंडीगढ़ हैरिटेज कंजर्वेशन कमेटी ने केवल 12 दुकानों की ही मंजूरी दी। हर दुकान करीब 80 स्क्वैयर फीट की होगी।
चंडीगढ़ में PU-PGI अंडरपास प्रोजेक्ट का बना रिवाइज बजट:8 साल से अटका, प्रशासन से मांगी मंजूरी, जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य
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