चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सामने करीब 5 एकड़ हरी-भरी कच्ची जमीन को सतही (ओपन) पार्किंग में बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। इस काम से मुख्यतः वकील, वादी-पक्ष और आम जनता को रोज हाईकोर्ट आने-जाने में पार्किंग की बड़ी दिक्कत से राहत मिलेगी। 28 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 31-पेज के अपने आदेश में कहा था कि इस खुले इलाके में पर्यावरण के अनुकूल ‘हरित पेवर ब्लॉक’ बिछाए जा सकते हैं। साथ ही सलाह दी कि पेवर ब्लॉकों के बीच-बीच में घास उगाने और तय दूरी पर पेड़ लगाने से छाया और हरियाली बनी रहे। नहीं होता मिट्टी का कटाव हरित पेवर ब्लॉक खास तकनीक पर बने होते हैं, जिनमें बीच में खाली जगह होती है। वहां मिट्टी में लगे घास और पेड़ों की जड़ों से पानी रिसकर जमीन में चला जाता है। इससे न तो पानी बहकर नुकसान करता है और न ही मिट्टी कटती है। इसीलिए इन्हें साधारण कंक्रीट ब्लॉकों से बेहतर माना जाता है। चंडीगढ़ प्रशासन ने एक लैंडस्केप कंसल्टिंग कंपनी से इस पांच एकड़ इलाके की ड्राइंग और डिज़ाइन बनवाई है। उनके हिसाब से यहां करीब 530 वाहनों के रुकने की जगह बनेगी। पेवर ब्लॉकों के बीच लगे पेड़ गर्मी में छाया देंगे और बारिश का पानी रोकेंगे। विश्व धरोहर सूची में शामिल यह इलाका कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा होने के कारण UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इसलिए प्रशासन ने तय किया है कि काम वरिष्ठ इंजीनियरिंग अधिकारियों और सांस्कृतिक विरासत विशेषज्ञों की देखरेख में होगा। हाईकोर्ट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही तकनीकी और शहरी नियोजन विभाग टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। चुने गए ठेकेदार को पेवर ब्लॉक बिछाने, पेड़ लगाने और ड्रेनेज व्यवस्था करने का काम करना होगा। पहले की हेरिटेज रिपोर्ट 2023 में बनी पहली ‘हेरिटेज इम्पैक्ट असेसमेंट’ रिपोर्ट ने यहां प्रस्तावित भूमिगत मल्टी-लेवल पार्किंग का विरोध किया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि भूमिगत निर्माण से धरोहर भवन के आसपास ट्रैफिक, ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ेगा, जमीन की ऊँचाई बदल जाएगी और दृश्य सौंदर्य प्रभावित होगा। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए सतही ‘हरित पेवर’ योजना को प्राथमिकता दी जा रही है।
चंडीगढ़ हाईकोर्ट के सामने 530 वाहनों की पार्किंग:पड़ी 5 एकड़ जमीन, लगेंगे हरित पेवर ब्लॉक, हरियाली भी बरकरार रहेगी, विश्व धरोहर सूची में शामिल
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