चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की नीड-बेस्ड पॉलिसी पर जल्द फैसला:सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद रुका काम, 55 हजार मकानों में बताई वायलेशन

by Carbonmedia
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चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) द्वारा जनवरी 2023 में अधिसूचित की गई नीड-बेस्ड पॉलिसी को लेकर अंतिम फैसला अब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अगली बैठक में लिया जाएगा। यह नीति पिछले ढाई साल से लटकी हुई है और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद इसे लागू करने पर रोक लगा दी गई थी। बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि 3 जनवरी 2023 को नीड-बेस्ड पॉलिसी अधिसूचित की गई थी, लेकिन 10 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर एरिया रेशो (FAR) बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। चूंकि नीति पहले ही अधिसूचित हो चुकी थी, इसलिए कोर्ट के आदेश को पिछली तारीख से लागू नहीं किया जा सकता। अब यह मामला बोर्ड की अगली बैठक में चर्चा के लिए लाया जाएगा। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की कुल 62 हजार यूनिट्स में से लगभग 55 हजार मकानों में अतिरिक्त कमरे, बंद बालकनी, कवर किए गए आंगन जैसी संरचनाओं को वायलेशन माना गया है। नीति को लेकर मकान मालिकों में विरोध जनवरी 2023 की नीति को लेकर सीएचबी मकानों के आवंटियों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि यह नीति पहले दी गई रियायतों को समाप्त कर उन्हें ‘वायलेशन’ यानी उल्लंघन घोषित कर देती है। बोर्ड ने 2010 से अब तक नीड-बेस्ड पॉलिसी में 5 बार संशोधन किए हैं — 23 मार्च 2010, 7 जुलाई 2015, 18 फरवरी 2016, 15 फरवरी 2019 और 3 जनवरी 2023 को। नीड-बेस्ड पॉलिसी के तहत 2010, 2015 और 2016 की नीतियों में मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) डुप्लेक्स फ्लैट्स के सामने पिलर्स के साथ प्रोजेक्शन/बालकनी बनाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन 2019 और 2023 की नीतियों में इसे वायलेशन बताया गया। इसी तरह, डुप्लेक्स फ्लैट्स के पहले माले पर ग्राउंड फ्लोर रूम की छत पर एक अतिरिक्त कमरा बनाने की अनुमति 2010, 2015, 2016 और 2019 की नीतियों में दी गई थी, लेकिन सेक्टर 41-A के निवासियों को यह सुविधा नहीं दी गई।

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