चंद्रशेखर आजाद ने स्कूलों की जर्जर हालत पर जताई चिंता, राजस्थान हादसे का किया जिक्र

by Carbonmedia
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उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने स्कूलों की जर्जर हालत को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल की छत गिरने की घटना का जिक्र करते हुए स्कूलों के निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने के आरोप लगाया और कहा कि ये हादसा नहीं हत्या है. 
नगीना सांसद ने एक्स पर लिखा- ‘राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित मनपसंद गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, पीपलोदी का भवन ढह जाने से 5 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। 11 बच्चे गंभीर हालत में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.
स्कूल की जर्जर हालत पर जताई चिंता
वहीं, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के पिनाहट ब्लॉक के पोखरा गगनकी गांव में प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री वॉल और गेट गिरने से 10 वर्षीय छात्रा की जान चली गई. इससे पहले, 4 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के प्राथमिक विद्यालय जलालपुर, पिसावा में गेट गिरने से एक मासूम छात्र की दबकर मौत हो गई थी.
निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल
जर्जर इमारतें, घटिया निर्माण सामग्री और भ्रष्ट ठेकेदारी व्यवस्था ने सरकारी स्कूलों को कब्रगाह में तब्दील कर दिया है. ये हादसे नहीं, हत्याएं हैं. यह सरकारी लापरवाही, भ्रष्ट इंजीनियरिंग और नेताओं की उदासीनता का नतीजा है, जिसने इन मासूमों की जान ले ली. 
मैंने पहले भी कई बार विद्यालयों की जर्जर स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की थी. 3 फरवरी 2025 को लोकसभा में महामहिम राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए भी मैंने इस विषय को उठाया था लेकिन, सरकारों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
अगर सरकार अब भी चुप रही, तो यह साफ हो जाएगा कि उसे न बच्चों की जान की परवाह है, न शिक्षा की. जनता को समझना होगा कि अगर आज किसी और का बच्चा मरा है, तो कल यह किसी और के घर का चिराग बुझ सकता है. यह लापरवाह, भ्रष्ट और असंवेदनशील सिस्टम एक-एक कर मासूमों की बलि लेता रहेगा.
सभी राज्य सरकारों से की ये मांग
मेरी गहरी संवेदनाएं पीड़ित परिजनों के साथ हैं. प्रकृति उन्हें इस दुख के पहाड़ को उम्र भर उठाने की शक्ति प्रदान करे.’ नगीना सांसद ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकारों से मांग की – 1. इन दोनों घटनाओं की एफआईआर दर्ज की जाए. हत्या और आपराधिक लापरवाही की धाराओं में.2. संबंधित अधिकारियों, इंजीनियरों, ठेकेदारों और विद्यालय प्रशासन को तत्काल निलंबित कर गिरफ़्तार किया जाए.3. पीड़ित परिवारों को कम से कम 50 रूपए लाख का मुआवज़ा तथा घायलों को नि:शुल्क और सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए.4. राष्ट्रीय स्तर पर सभी सरकारी विद्यालय भवनों का आपात निरीक्षण अभियान चलाया जाए.

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