भास्कर न्यूज | जालंधर जैन स्थानक गुड़ मंडी में प्रतिदिन प्रवचनों की गंगा सुबह 8 से नौ बजे तक बह रही है। श्रद्धेय सरलमना गुरुदेव श्रमण मुनि महाराज, गुरुदेव अमृत मुनि महाराज आदि ठाणा -2 शहर में वर्ष 2025 चातुर्मास के लिए पधारे हैं। इसके अलावा महिला संस्थाओं की ओर से महामंत्र नवकार का सामूहिक जाप भी जारी है। गुरुदेव ने प्रवचनों के माध्यम से भक्तों को कहा कि चार कषाय- क्रोध, मान, माया, लोभ जिस प्रवृत्ति से यह शांत हो उसे धर्म कहते हैं। जिस कार्य को करने से शांति और समाधि प्राप्त हो वह भी धर्म का रूप हैं। सेवा, स्वाध्याय, जीव, दया, कार्य कर मन को शांति प्राप्त हो वह भी धर्म है। इस अवसर पर एसएस जैन सभा के प्रधान राजेश जैन, महामंत्री सुनील जैन के साथ अन्य भी मौजूद रहे।
चातुर्मास में संकीर्तन… जिस कार्य से शांति मिले, वह भी धर्म का रूप
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