‘चाहे कितना भी दवाब बना लें, भारत माता पर नहीं करेंगे समझौता’, केरल सरकार और राज्यपाल में किस बात पर छिड़ा घमासान?

by Carbonmedia
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Kerala News: केरल के राजभवन में गुरुवार (5 जून 2025) को विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर पर आरएसएस की शाखाओं में आमतौर पर लगाई जाने वाली भारत माता की तस्वीर रखे जाने के कारण राज्य सरकार ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. इस पूरे विवाद पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारत माता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.


’RSS शाखाओं से जुड़ी तस्वीर का उपयोग असंवैधानिक'


कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार भारत माता का सम्मान करती है, लेकिन राजभवन में आधिकारिक समारोह के लिए आरएसएस शाखाओं से जुड़ी तस्वीर का उपयोग करना असंवैधानिक है. विवाद के बावजूद राजभवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया जबकि राज्य सरकार ने सचिवालय के दरबार हॉल में विश्व पर्यावरण दिवस पर अलग से कार्यक्रम आयोजित किया.


भारत माता पर नहीं करेंगे समझौता- केरल के राज्यपाल


राजभवन की ओर से जारी एक बयान में राज्यपाल ने कहा, ‘‘चाहे किसी भी ओर से कितना भी दबाव क्यों न हो, भारत माता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.’’ विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के दौरान राजभवन में राज्यपाल के भाषण का हवाला देते हुए बयान में कहा गया है कि कृषि मंत्री ने शुरू में अनुरोध किया था कि यह कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया जाए.


मंत्री ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया


इसमें कहा गया, ‘‘राज्यपाल ने सहर्ष अनुमति दे दी थी. हालांकि, जब मंत्री ने मंच पर भारत माता का चित्र हटाने पर जोर दिया तो राज्यपाल को यह अनुरोध ठुकराना पड़ा. इसके बाद मंत्री ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. बयान के मुताबिक, ‘‘उनसे न केवल सुबह के सत्र में बल्कि राजभवन में शाम को आयोजित पर्यावरण दिवस समारोह में भी भाग लेने की अपेक्षा थी, लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्होंने दोनों में से ही परहेज किया.’’


’कार्यक्रम का एजेंडा राजभवन से तैयार किया गया'


राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने कहा कि अनादि काल से भारत में वृक्षों, जल और वायु की पूजा और संरक्षण की परंपरा रही है. इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने कहा कि कुछ वर्तमान वाद इस परंपरा को त्यागने की मांग कर रहे हैं.’’ आर्लेकर ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक पर्यावरण संरक्षण केवल हमारी परंपराओं को कायम रखने और उनके अनुरूप जीवन जीने से ही संभव है.


पी प्रसाद ने कहा कि कार्यक्रम का एजेंडा राजभवन का ओर से तैयार किया गया था और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया था. उन्होंने कहा, ” बुधवार (4 जून 2025) शाम को उन्होंने अचानक एक नई चीज जोड़ दी – भारत माता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करना. यह संवैधानिक मानदंडों के खिलाफ है और उस तस्वीर का आरएसएस द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.’’


ऐसी तस्वीर का उपयोग नहीं करना चाहिए- केरल सरकार


उन्होंने कहा कि राजभवन, जो एक संवैधानिक कार्यालय है, उन्हें ऐसी तस्वीर का उपयोग नहीं करना चाहिए जो केवल एक विशेष संगठन की ओर से उपयोग की जाती है. मंत्री पी प्रसाद ने कहा, ‘‘इसलिए हमने कार्यक्रम का स्थान बदल दिया और इसे सचिवालय के अंदर दरबार हॉल में आयोजित किया.’’


अधिकारियों ने बताया कि राजभवन की ओर से बदलाव अंतिम समय में किया गया, जिसके कारण कृषि विभाग को समारोह को दूसरी जगह पर आयोजित करना पड़ा. कृषि विभाग का पर्यावरण दिवस समारोह बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे सचिवालय परिसर में आयोजित किया गया.


कांग्रेस ने इस मामले में राजभवन की आलोचना की


इस पूरे घटनाक्रम पर आरएसएस से जुड़ा संगठन भारतीय विचार केंद्रम ने राज्यपाल के रुख का पुरजोर समर्थन किया जबकि सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)और विपक्षी कांग्रेस ने इस मामले में राजभवन की आलोचना की. एक बयान में भारतीय विचार केंद्रम ने सवाल उठाया कि इस कार्यक्रम में भारत माता के चित्र का प्रदर्शन कैसे असंवैधानिक माना जा सकता है.


इसमें कहा गया है कि भारत माता का विचार राष्ट्र की सभ्यता का प्रतीक है न कि केवल पत्थरों, मिट्टी, पेड़ों और नदियों की छवि. श्री अरविंद को उद्धृत करते हुए इसमें कहा गया है कि भारत माता को सर्वोच्च शक्ति (पराशक्ति) का एक रूप माना जाता है. केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि राजभवन में भारत माता की तस्वीर रखना सही नहीं है.


माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक विवादास्पद तस्वीर के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि इसे व्यापक रूप से सांप्रदायिकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इसका कोई आधिकारिक दर्जा नहीं है.

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