बरसात का मौसम आते ही हर साल मच्छरों का आतंक शुरू हो जाता है, हर साल इनसे पनपने वाली बीमारी से कई हजारों लोगों की मौत हो जाती है. देश की राजधानी दि्ल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में डेंगू से लेकर चिकनगुनिया का खतर बना रहता है. चिकनगुनिया का खतरा अब वैश्विक स्तर पर बढ़ता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में करीब पांच अरब लोग इस बीमारी की चपेट में आने के जोखिम में हैं. 119 देशों में यह वायरस पहले ही दस्तक दे चुका है, जो चिंता का विषय है.
कितना गंभीर है खतरा?
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक लगभग 5.6 अरब लोगों तक इस वायरस के फैलने का खतरा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन इस संक्रमण को और तेजी से फैलाने में मदद कर रहे हैं. इस वजह से WHO ने देशों से सख्त कदम उठाने और बचाव रणनीति बनाने की अपील की है.
भारत में क्या स्थिति है?
भारत में भी चिकनगुनिया के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पिछले साल ही 17,000 से अधिक केस दर्ज किए गए थे. विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि मच्छरों का प्रजनन इसी समय सबसे ज्यादा होता है.
यूरोप तक पहुंचा संक्रमण
अब तक चिकनगुनिया को उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह यूरोप में भी फैल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2004-05 में अफ्रीका से शुरू हुआ यह संक्रमण धीरे-धीरे एशिया, अमेरिका और यूरोप तक पहुंच चुका है.
कैसे फैलता है चिकनगुनिया?
यह बीमारी संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से फैलती है, खासकर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छर से. ये मच्छर दिन के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं और बरसात के मौसम में इनकी संख्या बढ़ जाती है.
लक्षण और खतरे
चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू जैसे होते हैं, अचानक तेज बुखार, जोड़ और मांसपेशियों में दर्द, थकान और त्वचा पर लाल चकत्ते. गंभीर मामलों में यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. WHO ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर इलाज न मिले तो मौत के मामले भी बढ़ सकते हैं.
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है कि इसके लिए जारी सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए. पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी या रिपेलेंट का उपयोग करें. आसपास सफाई रखें और खुले बर्तनों में पानी न छोड़ें. हल्के रंग के कपड़े पहनें और जितना हो सके शरीर को ढककर रखें. WHO का कहना है कि इस समय चिकनगुनिया के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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