Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. लाखों की भीड़, अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और असंगठित प्रबंधन ने इस खुशी के माहौल को शोक में बदल दिया.
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी उबाल ला दिया है. मामले पर बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस घटना की पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर डाल दी. अमेरिका में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहते हुए एक निजी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सूर्या ने कहा, ‘यह कोई आतंकरोधी ऑपरेशन नहीं था जिसके लिए खुफिया इनपुट की जरूरत होती. यह सिर्फ सामान्य प्रशासन और योजना की विफलता है.'
तेजस्वी सूर्या के तीखे सवाल
तेजस्वी सूर्या ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने लाखों लोगों को खुलेआम समारोह में बुलाया, लेकिन व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं किया गया. सूर्या ने आरोप लगाया कि जब हालात बिगड़े तो पुलिस कमिश्नर, आरसीबी अधिकारी और मुख्यमंत्री के अपने राजनीतिक सचिव को बलि का बकरा बनाया गया. तेजस्वी सूर्या ने अपनी बात को साचा बैरन कोहेन की फिल्म “द डिक्टेटर” से जोड़ते हुए कटाक्ष किया. उन्होंने आरसीबी ट्रॉफी के साथ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की तस्वीर का भी मजाक उड़ाया और उन्होंने पूछा कि पिछले 18 सालों में स्थानीय क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने क्या किया है? RCB की जीत में उनका क्या योगदान है?
असली जिम्मेदार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री-तेजस्वी सूर्या
घटना के बाद मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज, पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और सूचना विभाग प्रमुख हेमंत निंबालकर को निलंबित कर दिया गया. साथ ही, RCB के मार्केटिंग प्रमुख और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया. तेजस्वी सूर्या ने इन कार्रवाइयों को “डैमेज कंट्रोल” और “दिखावा” बताते हुए कहा कि असली ज़िम्मेदार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने खुद को बचाने के लिए दूसरों को बलि का बकरा बना दिया.
मुंबई में टी20 वर्ल्ड कप विजय जुलूस की मिसाल
तेजस्वी ने मुंबई में 2024 टी20 विश्व कप जीत के बाद हुए विजय जुलूस का उदाहरण देते हुए कहा, “वहां 15-16 लाख लोग जमा हुए थे, लेकिन एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई. वजह थी – बेहतर योजना, समर्पित प्रशासन और जिम्मेदारी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह मानव निर्मित त्रासदी थी जिसे रोका जा सकता था, अगर राज्य सरकार ने पहले से समुचित प्रबंध किए होते.