बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चिराग पासवान की पार्टी ऐसा लग रहा कमजोर होती जा रही है. रविवार (10 अगस्त, 2025) को छपरा में एक झटके में 128 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. इस्तीफा देने वालों में लोजपा रामविलास के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह भी शामिल हैं. यह घोषणा एक बैठक में की गई.
इस्तीफा देने वालों में सारण कमेटी के 28 पदाधिकारी, जिले के 20 में से 16 प्रखंड अध्यक्ष, पूरी महानगर इकाई और संसदीय बोर्ड के तीन सदस्य शामिल हैं. इस्तीफे के पीछे गंभीर आरोप लगाया गया है. दीपक कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि अरुण भारती पार्टी को कॉर्पोरेट कंपनी की तरह चलाते हैं.
‘अरुण भारती के लिए पैसा प्रथम’
दीपक सिंह ने कहा कि अरुण भारती की नजर में कार्यकर्ताओं का कोई सम्मान नहीं है, चाहे वह जिला स्तर का हो या प्रदेश स्तर का, उनके लिए पैसा ही प्रथम है. दीपक सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी को अपने परिवार से बढ़कर माना है. सात वर्षों से अपने घर के निचले फ्लोर पर पार्टी का कार्यालय बनाया है.
दीपक सिंह ने कहा, “संगठन के कई कार्यकर्ताओं ने इच्छा जताई थी कि मैं चुनाव लड़ूं. यह बात अरुण भारती को नागवार गुजरी, इसलिए सबसे पहले जिला अध्यक्ष को हटाने का षड्यंत्र रचा गया. उनकी नजर में ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ नहीं पैसा फर्स्ट है.”
पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनकी 21 वर्षों की वफादारी और मेहनत को नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने रामविलास पासवान को अपना गुरु मानकर हर कठिन परिस्थिति में पार्टी के साथ खड़े रहे. इसीलिए, आत्मसम्मान और सच्चाई की रक्षा के लिए वे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की आजीवन सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा देते हैं.
दीपक कुमार सिंह ने इसकी चिराग पासवान के नाम पत्र लिखा है. जमुई सांसद सह प्रदेश प्रभारी अरुण भारती, पूर्व विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी है. बता दें कि इससे पहले भी खगड़िया में 38 नेताओं द्वारा इस्तीफा देने की बात सामने आई थी. अब छपरा में ऐसा हुआ है.
चिराग पासवान को बड़ा झटका, 128 नेताओं ने एक झटके में छोड़ दी पार्टी, कारण अरुण भारती?
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