ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार और ब्रिटेन के ‘द फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस’ (एफसीडीओ) के बीच मंगलवार को हुए एक ऐतिहासिक समझौते के तहत ‘चिवनिंग-भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना’ शुरू की गई है.
इस योजना के तहत हर साल प्रदेश के पांच प्रतिभाशाली छात्रों को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी.
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उनके सरकारी आवास पर इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छात्रवृत्ति योजना प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को नई दिशा देने और युवाओं को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार करने का सशक्त माध्यम बनेगी.
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उन्होंने कहा, ‘इस योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, शोध और नेतृत्व में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर देना है. यह योजना शैक्षणिक सत्र 2025-26 से तीन वर्षों तक (2025-26, 2026-27 और 2027-28) संचालित होगी. इसके बाद 2028-29 से योजना को नवीनीकृत किया जाएगा.’
अधिकारियों के मुताबिक, इस छात्रवृत्ति में पूर्ण शिक्षण शुल्क, परीक्षा व शोध शुल्क, रहने-खाने का भत्ता तथा ब्रिटेन तक आने-जाने का हवाई किराया शामिल रहेगा.
उन्होंने बताया कि प्रति छात्र लगभग 45 से 48 लाख रुपये का खर्च आएगा. इसमें से उत्तर प्रदेश सरकार 23 लाख रुपये का खर्च उठाएगी बाकी का खर्च एफसीडीओ वहन करेगा.
भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने लखनऊ में मुख्यमंत्री के समक्ष हुए एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि लखनऊ आकर इस समझौते पर हस्ताक्षर करना बेहद खुशी की बात है.
उन्होंने कहा कि ‘चिवनिंग स्कॉलरशिप’ के तहत अगले तीन वर्षों तक हर साल पांच छात्रों को ब्रिटेन में पूर्ण छात्रवृत्ति पर पढ़ाई का अवसर मिलेगा और यह ब्रिटेन व भारत के बीच गहराते रिश्तों का प्रतीक है.
एक छात्र पर आएगा कितना खर्च? उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया
वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध कराना है. इसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष प्रदेश के पाँच प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें यूनाइटेड किंगडम के किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में एक वर्षीय मास्टर डिग्री हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से प्रारम्भ होकर तीन वर्ष तक (2025-26, 2026-27 और 2027-28) संचालित होगी. वर्ष 2028-29 से योजना को जारी रखने के लिए नवीनीकरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति में पूर्ण शिक्षण शुल्क, परीक्षा एवं शोध शुल्क, रहने-खाने के लिए पर्याप्त मासिक भत्ता तथा निवास स्थान से यूके तक इकोनॉमी क्लास का एक बार आने-जाने का हवाई किराया सम्मिलित रहेगा.
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रति छात्र लगभग £38,048 से £42,076 (पैंतालीस से अड़तालीस लाख रुपये के समतुल्य) का व्यय होगा, जिसमें से लगभग £19,800 अर्थात 23 लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे, जबकि शेष राशि का निर्वहन The Foreign Commonwealth and Development Office (FCDO) UK करेगा.
मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की प्रेरणा से आरम्भ की गई यह योजना प्रदेश के छात्रों को वैश्विक स्तर पर शिक्षा, शोध और नेतृत्व में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर देगी. उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे इस योजना का लाभ उठाकर उत्तर प्रदेश और देश का नाम रोशन करें.
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