भास्कर न्यूज|लुधियाना वेस्ट हलके में विधानसभा चुनावों से पहले जिस रफ्तार से गलाडा की ओर से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) देने के कैंप लगाए जा रहे थे, वही प्रक्रिया अब पूरी तरह से ठप हो गई है। हालत यह है कि बीते एक महीने से आम लोग गलाडा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न एनओसी मिल रही और न ही किसी अधिकारी से स्पष्ट जवाब। चंडीगढ़ रोड के रहने वाले प्रताप सिंह पिछले 30 दिनों से एनओसी के लिए गलाडा दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। वे बताते हैं कि जब भी हेल्प डेस्क पर जाते हैं, कर्मचारी सिर्फ यही कहते हैं कि ‘मैडम को नया चार्ज मिला है, पासवर्ड नहीं मिला, जैसे ही मिलेगा काम शुरू हो जाएगा। प्रताप सिंह यहां रोज आना-जाना कर रहे हैं, जिससे समय और पैसों दोनों का नुकसान हो रहा है। इसी तरह रंजीत सिंह भी नक्शा और एनओसी के लिए रोज गलाडा दफ्तर आ रहे हैं। उनका कहना है कि हर बार यही सुनने को मिलता है कि मैडम नहीं आईं, वही आएंगी तो फाइल आगे बढ़ेगी। शहर निवासी सन्नी, जिन्हें चुनाव से पहले गलाडा कैंप में एनओसी मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले अधिकारी खुद फोन कर कैंप में बुलाते थे। सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालकर प्रचार करते थे कि कितनी एनओसी जारी हुईं। लेकिन अब वही अफसर फोन नहीं उठाते, न ही दफ्तर में मिलते हैं। वहीं, गलाडा की इस सुस्त प्रक्रिया को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि चुनाव से पहले जिस काम को प्राथमिकता दी जा रही थी, वही अब धीमी गति से हो रहा है। गलाडा में अफसर कुछ, स्टाफ कुछ और बोल रहा: इस पूरे मामले पर जब गलाडा के एस्टेट ऑफिसर डॉ. अमन गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। जिसकी फाइल पेंडिंग है, वो मेरे पास सीधे लेकर आए। एनओसी नियमित रूप से जारी की जा रही हैं। हालांकि, ग्राउंड पर मौजूद स्टाफ अब भी यह कहता रहा कि सिस्टम एक्टिव नहीं हुआ है, पासवर्ड नहीं मिला है। इससे साफ है कि या तो अधिकारी सच नहीं बता रहे या स्टाफ सही जानकारी नहीं दे रहा। गलाडा की नवनियुक्त असिस्टेंट चीफ एडमिनिस्ट्रेटर शिखा भगत ने बताया मुझे एक हफ्ते पहले ही सिस्टम का पासवर्ड मिला है। जो भी फाइलें मेरे पास आईं, उन्हें अप्रूव किया और उनके प्रिंट भी निकलवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास दो अलग-अलग चार्ज हैं, बावजूद इसके अब तक करीब 100 एनओसी अप्रूव कर चुकी हूं। मैं सोमवार और बुधवार को गलाडा कार्यालय में मौजूद रहती हूं। अगर किसी को दिक्कत है, तो वह मुझसे सीधे मिल सकता है।
चुनावों के बाद एनओसी की रफ्तार थमी, लोग अब गलाडा ऑफिस के चक्कर लगा कर परेशान हो रहे
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