अमृतसर| चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त की रेवड़ियों के वादों की परंपरा पर रोक लगाने की मांग उठ रही है। यूथ वेलफेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद भाटिया ने इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट से अपील की है। उनका कहना है कि ये वादे मतदाताओं को लुभाने के लिए किए जाते हैं और अगर इन्हें पूरा भी किया जाता है, तो इसका सीधा बोझ राज्य और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। प्रमोद भाटिया ने कहा कि अधिकतर पार्टियां जनता को मूर्ख बनाने के लिए ऐसे वादे करती हैं, जबकि वे वादे कम ही पूरे होते हैं। भाटिया ने कहा कि जनता मुफ्त की रेवड़ियों के बजाय महंगाई पर लगाम और बेहतर व्यवस्था चाहती है। उनका मानना है कि सरकार को हर बेरोजगार को रोजगार देना चाहिए, । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस हानिकारक परंपरा पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है।
चुनावों में फ्री की रेवड़ियों के वादों पर लगे प्रतिबंध : प्रमोद
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