‘चुनाव आयोग के काम का सरकार कैसे देगी जवाब’, बिहार SIR पर संसद में नहीं होगी बहस!

by Carbonmedia
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भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से बिहार में कराए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सियासी बवाल जारी है. मतदाता पुनरीक्षण के मुद्दे पर संसद भवन परिसर में बुधवार (23 जुलाई 2025) को भी प्रदर्शन हुआ. विपक्ष के ओर से लगातार इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की जा रही है. सरकार के टॉप सोर्सेज के मुताबिक SIR के मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं होगी.
संसद में SIR पर कोई चर्चा नहीं होगी- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक सरकार चुनाव आयोग के स्थान पर कैसे जवाब दे सकती है? चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वह संसद में इस मुद्दे पर आकर जवाब दे नहीं सकता. इस वजह से अब संसद में SIR पर कोई चर्चा नहीं होगी. अगर इसके पीछे के तर्क को समझें तो चुनाव और उससे जुड़ी प्रक्रिया भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से की जाती है. वहीं ECI स्वतंत्र तौर पर चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा करता है.
चुनाव आयोग के काम का सरकार कैसे देगी जवाब- सूत्र
बिहार में हो रहा SIR भी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से कराया जा रहा है. ये सरकार की तरफ से नहीं कराया जा रहा है. जिस वजह से इस प्रक्रिया या इससे जुड़े नियमों पर चुनाव आयोग ही जवाब देगा. वहीं चुनाव आयोग की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 98.01 फीसदी वोटर्स को कवर किया जा चुका है, जबकि SIR की प्रक्रिया में 20 लाख वोटर मृत पाए गए. SIR में 28 लाख अस्थायी रूप से प्रवास कर चुके वोटर्स के नाम पाए गए हैं और 7 लाख वोटर्स के वोट एक से ज्यादा जगह पाए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार 1 लाख वोटर्स का कोई पता नहीं चल पा रहा है.
15 लाख वोटर्स के फॉर्म अभी वापस नहीं मिले
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 लाख वोटर्स के फॉर्म अभी वापस नहीं मिले हैं. वहीं 7.07 करोड़ वोटर्स के फॉर्म प्राप्त और डिजिटलाइज्ड हो चुके हैं. 1 अगस्त 2025 को SIR के पहले चरण की समाप्ति पर वोटर्स की प्रारूप सूची प्रकाशित की जानी है.
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