चोट की परवाह किए बिना मैदान पर डटे रहे ये 5 भारतीय खिलाड़ी, देश के लिए दर्द को किया इग्नोर

by Carbonmedia
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क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जज्बे और जुनून की कहानी है. टीम इंडिया के कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने जबड़ा टूटना, फ्रेक्चर और पीठ में गंभीर चोटों के बावजूद मैदान में उतरकर देश के लिए बेमिसाल जुझारूपन दिखाया. इस रिपोर्ट में हम बात कर रहे हैं उन 5 भारतीय क्रिकेटरों की, जिन्होंने अपने शरीर की नहीं, बल्कि टीम की जरूरत को प्राथमिकता दी और इतिहास में अपना नाम साहस की मिसाल के तौर पर दर्ज करवा लिया.
मोहिंदर अमरनाथ
वेस्टइंडीज के खिलाफ 1983 के टेस्ट में बारबाडोस की उछालभरी पिच पर बल्लेबाजी करते वक्त मोहिंदर अमरनाथ को मैल्कम मार्शल की बाउंसर सीधे चेहरे पर आकर लगी थी. उस समय अमरनाथ 18 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और चोट के चलते उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा था, लेकिन जब टीम संकट में थी, वह फिर से क्रीज पर लौटे और शानदार 80 रन बनाकर टीम की लड़ाई को आगे बढ़ाया.
अनिल कुंबले 
2002 में एंटीगुआ टेस्ट के दौरान मर्विन डिलन की एक तेज बाउंसर ने अनिल कुंबले के जबड़े की हड्डी तोड़ दी थी. डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल सर्जरी की सलाह दी थी, लेकिन कुंबले ने मैदान छोड़कर अस्पताल जाने से इंकार कर दिया था. उन्होंने न सिर्फ बल्लेबाजी की, बल्कि वेस्टइंडीज की पारी के दौरान 14 ओवर गेंदबाजी भी की और ब्रायन लारा का कीमती विकेट भी लिया था.
वीवीएस लक्ष्मण 
2010 में मोहाली टेस्ट की दूसरी पारी में भारत को जीत के लिए 216 रन चाहिए थे और टीम का स्कोर था 124 रन पर 8 विकेट. उस समय वीवीएस लक्ष्मण गंभीर पीठ दर्द से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने 73 रन की नाबाद पारी खेली और आखिरी विकेट के साथ मिलकर भारत को एक रोमांचक जीत दिलाई थी.
हनुमा विहारी और आर अश्विन 
2021 के सिडनी टेस्ट को कोई भी क्रिकेट फैन नहीं भूल सकता है. एक तरफ अश्विन गंभीर पीठ दर्द से जूझ रहे थे, तो दूसरी ओर हनुमा विहारी ग्रेड-2 हैमस्ट्रिंग इंजरी के बावजूद मैदान पर डटे रहे थे. दोनों ने लगभग 259 गेंदों की साझेदारी कर टेस्ट मैच को बचाया और भारतीय टीम को ऐतिहासिक ड्रॉ दिलाया था.
ऋषभ पंत 
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के दौरान क्रिस वोक्स की एक गेंद ऋषभ पंत के पैर पर लगी, जिससे उनके मेटाटार्सल में फ्रैक्चर हो गया था. डॉक्टर्स की कुछ सप्ताह आराम करने की चेतावनी के बावजूद, पंत अगले ही दिन मैदान में लौटे और 50 से ज्यादा गेंदें खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ शानदार अर्धशतक जड़ा. उनकी इस जुझारू पारी की तारीफ दुनियाभर के कमेंटेटर्स और क्रिकेट दिग्गजो ने की थी.

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