चौंकाने वाला खुलासा! ये 10 ऐप्स बिना पूछे चुरा रहे हैं आपकी पर्सनल जानकारी, अभी करें डिलीट वरना पछताएंगे

by Carbonmedia
()

Apps: आजकल जहां डिजिटल प्राइवेसी पर खतरे बढ़ते जा रहे हैं, वहीं एक नई रिपोर्ट ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है. डेटा रिसर्च कंपनी Apteco की ताजा स्टडी में यह सामने आया है कि कुछ मोबाइल ऐप्स यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी बड़े पैमाने पर इकट्ठा कर रहे हैं वो भी बिना साफ़ अनुमति के. सबसे हैरानी की बात ये है कि इन ऐप्स की सूची में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सबसे ऊपर हैं.
Meta की ऐप्स सबसे ऊपर
Apteco की 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक Meta के Facebook, Instagram और Threads सबसे ज़्यादा पर्सनल डेटा जुटाने वाले ऐप्स में पहले तीन स्थानों पर हैं. ये ऐप्स यूज़र्स के नाम, मोबाइल नंबर, पता और कई अन्य निजी जानकारियां जुटाते हैं. इनके अलावा LinkedIn, Pinterest, Amazon Alexa, Amazon, YouTube, X (पहले Twitter) और PayPal भी इस टॉप 10 की लिस्ट में शामिल हैं.
क्या-क्या जानकारी जुटाई जाती है?
रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐप्स सिर्फ बेसिक डिटेल्स तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि इससे भी आगे जाकर यूज़र का गहराई से डेटा संग्रह करते हैं. इसमें शामिल है.

सटीक और अनुमानित लोकेशन डाटा
यूज़र की अपलोड की गई जानकारी व पहचानकर्ता
फाइनेंशियल डिटेल्स और पेमेंट हिस्ट्री
ब्राउज़िंग व सर्च हिस्ट्री
खरीदारी से जुड़ा रिकॉर्ड

ये जानकारियां कई बार सिर्फ विज्ञापन दिखाने के लिए नहीं बल्कि यूज़र बिहेवियर को ट्रैक करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं.
क्या करें यूज़र्स?
रिपोर्ट में ऐप्स को डिलीट करने की बात नहीं कही गई है लेकिन यूज़र्स को अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स पर नजर रखने की सख्त सलाह दी गई है. कुछ जरूरी कदम ये हो सकते हैं.

लोकेशन एक्सेस को “ऐप इस्तेमाल करते समय” तक सीमित करें
सटीक लोकेशन ट्रैकिंग बंद कर दें
कॉन्टैक्ट्स, फोटो या माइक्रोफोन की परमिशन तब ही दें जब बेहद जरूरी हो
ऐप और फोन की सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर प्राइवेसी चेक करें

अब भी जारी है डेटा का कारोबार
Apple की “Data Linked to You” प्राइवेसी लेबल नीति लागू होने के चार साल बाद भी ऐप्स यूज़र डेटा को बेचने या इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हट रहे. अरबों यूज़र्स वाले ये ऐप्स यूज़र्स की निजी जानकारी को एक ‘प्रोडक्ट’ की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और ये सब चलता है पर्दे के पीछे. इसलिए जरूरी है कि यूज़र्स सतर्क रहें और खुद अपनी डिजिटल सुरक्षा की जिम्मेदारी लें.
यह भी पढ़ें:
चीन के इस सुपर मैटेरियल के आगे राफेल और F-35 भी मान जाते हैं हार! 3600°C तक का तापमान झेलने की है क्षमता

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment