छत्तीसगढ़: देश में पहली बार कांग्रेस का दफ्तर सीज, विरोध में फूंका ED का पुतला

by Carbonmedia
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Chhattisgarh ED News: छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सुकमा जिले के कांग्रेस कार्यालय को अटैच कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस जहां इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि जिसने भ्रष्टाचार किया है, उसे सजा जरूर मिलेगी.
दरअसल, शराब घोटाले की जांच कर रही ED ने भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा (kawasi Lakhma) के सुकमा और रायपुर स्थित बंगलों को भी सीज कर दिया है. ED का मानना है कि मंत्री रहते हुए कवासी लखमा ने शराब घोटाले से मिले पैसों से सुकमा जिले में कांग्रेस कार्यालय बनवाया था. साथ ही लखमा के बेटे के मकान भी इसी घोटाले के कमीशन के पैसों से बने थे. इसी आधार पर ED ने इन संपत्तियों को अटैच किया है.
ED की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी इस एक्शन को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए सड़कों पर उतर आई है. शनिवार (14 जून) को कांग्रेस ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ED और केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी का आरोप है कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने का काम कर रही है.
ED कार्यालय सीज कर सकती है, कांग्रेस को नहीं- दीपक बैज 
इस मामले में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने बताया कि ED ने सुकमा कांग्रेस कार्यालय को लेकर जो भी जानकारी मांगी, वो सारी सूचनाएं लिखित रूप में उपलब्ध कराई गई थीं- कब, कितना पैसा खर्च हुआ, सबकुछ दिया गया, इसके बावजूद देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को सीज किया गया है. बैज ने कहा, “ED कांग्रेस का कार्यालय सीज कर सकती है, लेकिन कांग्रेस को नहीं. हम सड़क पर उतरकर विरोध करते रहेंगे.”
जिसने भ्रष्टाचार किया, उसी पर हो रही कार्रवाई- CM
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए ED की कार्रवाई को जायज ठहराया. उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के दौरान कांग्रेस ने पांच साल तक भ्रष्टाचार किया, जिसकी जांच अब हो रही है. दोषियों पर कार्रवाई होगी. अगर कांग्रेस को लगता है कि अन्याय हुआ है तो न्यायालय के दरवाज़े खुले हैं. विपक्ष में रहकर कांग्रेस का यही रवैया रहेगा.
यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय को ED ने सीज किया है. जहां बीजेपी इसे कानून का पालन मान रही है, वहीं कांग्रेस को सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है.
(विनीत पाठक की रिपोर्ट)

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