छत्तीसगढ़ में शांति वार्ता के दावे के बीच नक्सलियों का दोहरा खेल, मुखबिर के शक में 2 की हत्या

by Carbonmedia
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सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए हथियारबंद संघर्ष को अस्थायी रूप से छोड़ने का दावा करने वाले नक्सलियों की की केंद्रीय कमेटी CPI माओवादी के ऐलान के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा में दो नागरिकों की नक्सलियों ने पुलिस के मुखबिर होने के शक में हत्या कर दी.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जांगला इलाके की बेंचराम पंचायत के उपसरपंच दशरु राम ओयाम की बयान जारी करने के कुछ घंटे के बाद ही नक्सलियों ने बेंचराम गाँव में दो नागरिकों की हत्या कर दी.
मुखबिर होने के शक में उतारा मौत के घाट
सूत्रों के मुताबिक माओवादियों ने बेंचराम पंचायत के उपसरपंच दशरु राम ओयाम को पुलिस का मुखबिर होने के शक में मौत के घाट उतार दिया. जिस जगह पर दशरु राम ओयाम की हत्या हुई है वो छत्तीसगढ़ पुलिस के थाना जांगला से करीब 8 किलोमीटर और दरभा CAF कैंप से 6 किलोमीटर दूर था.
इसी तरह आज (17 सितंबर) आधी रात दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर इलाके के नीलवाया गाँव में बंदी कोर्रम नाम के व्यक्ति की नक्सलियों ने हत्या की यह गांव नीलवाया पोताली CAF कैंप से करीब 5 किलोमीटर था, सूत्रों के मुताबिक बंदी कोर्रम की भी नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने का शक में हत्या की है.
दोहरी रणनीति पर कर रहा काम
नक्सलियों ने ये दोनों घटनाएं उस समय की हैं जब उसके केंद्रीय माओवादी संगठन की ने पत्र जारी कर सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए तत्काल अस्थायी युद्ध विराम और हथियार त्यागने का ऐलान किया था. जिससे अब बीजापुर और दंतेवाड़ा की ताजा घटनाओं ने माओवादी नेतृत्व के इस बयान और जमीनी हालात के बीच सीधा विरोधाभास खड़ा कर दिया है.
सवाल उठ रहा है कि क्या स्थानीय स्थानीय नक्सल केंद्रीय नेतृत्व की युद्धविराम और शांति की कथित मंशा से सहमत नहीं हैं या नक्सल नेतृत्व “ऊपर से शांति और नीचे से हिंसा” की दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है.

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